परवेज़ अख्तर/सिवान:
समाज में तेजी से बदलते परिवेश के कारण आज बच्चे तरह-तरह की आपराधिक प्रवृत्तियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में हम सभी जवाबदेह संस्थाओं एवं समाज के प्रबुद्ध जनों को इसे रोकने के लिए अपने-अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील होना पड़ेगा। उक्त बातें जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज शंकर ने उच्च न्यायालय पटना के निर्देशों के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शहर के टाउन हॉल में आयोजित किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं पॉक्सो अधिनियम 2012 के एक दिवसीय जागरुकता व संवेदीकरण कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान कही।उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का इस विषय के गंभीरता की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बच्चों में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति को रोकना, उसके कारणों के तह तक जाना केवल हमारी ड्यूटी ही नहीं है, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अभिनव कुमार ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है और पुलिस इस मामले में कार्रवाई करती है पर इसे और त्वरित एवं परिणामी बनाने के लिए हमें सभी को एक दूसरे से समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। कार्यक्रम में जिला विधिक संघ के अध्यक्ष पांडेय रामेश्वरी प्रसाद, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव, प्रिसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय ए कुमार, स्पेशल जज पॉक्सो एडीजे 6 जीवन लाल, चिल्ड्रेन कोर्ट के पीओ एके झा, एसीजेएम पी. पांडेय, मजिस्ट्रेट एके त्रिपाठी, अधिवक्ता मनोज सिंह, स्पेशल पीपी राम नरेश सिंह, एसडीपीओ एन राय, सिविल सर्जन डा. यदुवंश कुमार शर्मा, अध्यक्ष सीवीसी ब्रजेश गुप्ता, डीसीपीओ समेत अन्य वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत मे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एन के प्रियदर्शी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।