परवेज़ अख्तर/सिवान:
राज्य सरकार के पदाधिकारियों और कर्मियों को दशहरा के पूर्व वेतन देने के निर्णय का शिक्षक और कर्मी संगठनों ने स्वागत किया है। वहीं दशहरा के पहले पगार मिलने से बाजार की रौनक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। कोरोना को लेकर पिछले छह महीने से बाजार में सुस्ती देखी जा रही है। कोरोना काल में जेब खाली रहने से बाजार की रौनक फीकी पड़ गई थी। कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन में महानगरों से बड़े पैमाने पर कामगार मजदूर वापस अपने गांव लौट आए थे। आमदनी ठप होने से खर्च भी प्रभावित हुआ था। हालांकि धीरे-धीरे अब सूरत बदलने लगी है, लेकिन बाजार से सुस्ती जाने का नाम नहीं ले रही है। त्योहार के इस मौसम में भी दुकान पर ग्राहकों की पहले जैसी भीड़ नहीं देखी जा रही है।
इधर वित्त विभाग के उपायुक्त (वित्तीय प्रशासन) ने सभी विभागों के वरीय पदाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि दशहरा पर्व को ध्यान में रखते हुए 22 अक्टूबर से अग्रिम वेतन भुगतान शुरू कर दिया जाए। पंचायत प्रखंड नगर शिक्षकों को अभी सितंबर महीने का वेतन भुगतान नहीं हुआ है। इस आदेश के बाद सभी विभाग अनुपस्थिति विवरणी तैयार करने में जुटा हुआ है। सभी प्रधानाध्यापकों को अक्टूबर महीने का अनुपस्थिति विवरण बीआरसी में अविलंब जमा करने का निर्देश दिया गया है ताकि समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। उधर पंचायत निकाय के नियुक्त शिक्षकों ने हड़ताल अवधि का सामंजन पूरा कर लिया है। अब हड़ताल अवधि का बकाया वेतन की मांग भी इनके द्वारा होने लगी है।
त्योहार को ध्यान में रखकर फरवरी और मार्च का बकाया वेतन भुगतान भी होने की उम्मीद जताई जा रही है। वित्त विभाग के पत्र के आलोक में अगर अक्टूबर महीने तक का वेतन भुगतान किया गया तो निश्चित तौर पर इसका असर बाजार की रौनक पर भी पड़ेगा। उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि दशहरा, दीपावली और छठ तक बाजार की चहल-पहल लौट सकती है। हालांकि विधानसभा चुनाव का भी असर बाजार पर है। विभिन्न चौक-चौराहे पर चल रहे वाहन जांच के कारण भी उत्तर प्रदेश और दूसरे प्रखंड से लोग मैरवा बाजार कम आ रहे हैं। इसका असर भी व्यवसाय पर देखा जा रहा है। चुनाव बाद बाजार में एक बार फिर ग्राहकों की संख्या बढ़ सकती है।