गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में बुधवार को सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राजेश पांडेय की अपराधियों ने हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद जिला भर के वकील काफी नाराज हैं. हत्या के दूसरे दिन भी बार एसोसिएशन के अधिवक्ता हड़ताल पर रहे, जिसके चलते सिविल कोर्ट की अदालतों में कामकाज ठप रहा. इस दौरान अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट के मेन गेट पर एक दिवसीय धरना देकर आक्रोश व्यक्त किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें रखीं.
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
अधिवक्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन को अधिवक्ताओं के सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है. हर साल अधिवक्ताओं की हत्या होती है, जिससे अधिवक्ता अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. न्याय दिलाने वाले अब खुद न्याय पाने की बात कर रहे हैं. बावजूद न्याय मिलते नहीं दिख रही. वकीलों के मुताबिक हाल ही में कई अधिवक्ताओं पर हमले हुए, जिसमें अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अधिवक्ता न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. अब उन्हें सिर्फ और सिर्फ कोर्ट पर ही भरोसा है.
अज्ञात अपराधियों पर एफआईआर दर्ज
इधर, कुचायकोट पुलिस ने अधिवक्ता की हत्या के मामले में भाई अशोक पांडेय के बयान पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. हत्या के दूसरे दिन भी बदमाशों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. एसपी आनंद कुमार के मुताबिक सदर एसडीपीओ संजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. गोपालगंज और यूपी के सीमावर्ती इलाकों में लगातार छापेमारी की जा रही है.
कोर्ट जाने के दौरान मारी थी गोली
बता दें कि कुचायकोट थाने के कुचायकोट बाजार के रहने वाले अधिवक्ता राजेश पांडेय सात दिसंबर की सुबह बाइक से सिविल कोर्ट जा रहे थे. रास्ते में पोखरभिंडा गांव के पास एनएच-27 पर अपराधियों ने ओवरटेक कर पहले बाइक रुकवाई और फिर उन्हें गोली मार दी. गोली लगने से अधिवक्ता राजेश पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीन गोली लगने की बात बताई गई. पोस्टमार्टम के बाद शव घर पर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मचा गय था.