गोपालगंज : जिले के बैकुण्ठपुर प्रखंड मुख्यालय सहित आस -पास के क्षेत्रों मे आज कल सड़क मैदान, विद्यालय आदि सार्वजनिक स्थानों के अतिक्रमण की होड़ लगी हुई है। इस अभियान में सामान्य लोगो के साथ साथ राजनीतिक दलों के लोगो के अलावा जनप्रतिनिधियो ने भी पीछे नहीं है। जिन्हें राजस्व कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त हो रहा है , वंही राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हुआ है’। लेकिन प्रशासन ऒर से इस ओर कोई धयन नही दिया गया है। थाना , अंचल और प्रखण्ड मुख्यालय के नाक के सामने अतिक्रमण का कार्य हो रहा है , लेकिन प्रशासन मौन है। प्रखण्ड के सभी हाट- बाजारों चौक- चौराहों के अलावा गांव की यही दुर्गति है। प्रत्येक गांव में गैरमजरूआ आम और गैरमजरूआ मालिक के तहत जगहों पर गांव का पानी बरसात के महीनों में जमा होता था ,लेकिन उसका भी अतिक्रमण जारी है। इस गड्डो को कब्जा करने का तरीका कुछ अजीब है।
पहले राख एवम उच्छिट पदार्थ डालकर इसको धीरे धीरे भरते हैं, फिर उस पर झोपड़ी खड़ा कर दखल कर लेते हैं। काररवाई के नाम पर अंचलाधिकारी कोई निर्णय नही ले पा रहे हैं।गोपालगंज : जिले के बैकुण्ठपुर प्रखंड मुख्यालय सहित आस -पास के क्षेत्रों मे आज कल सड़क मैदान, विद्यालय आदि सार्वजनिक स्थानों के अतिक्रमण की होड़ लगी हुई है। इस अभियान में सामान्य लोगो के साथ साथ राजनीतिक दलों के लोगो के अलावा जनप्रतिनिधियो ने भी पीछे नहीं है। जिन्हें राजस्व कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त हो रहा है , वंही राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हुआ है’। लेकिन प्रशासन ऒर से इस ओर कोई धयन नही दिया गया है। थाना , अंचल और प्रखण्ड मुख्यालय के नाक के सामने अतिक्रमण का कार्य हो रहा है , लेकिन प्रशासन मौन है।
प्रखण्ड के सभी हाट- बाजारों चौक- चौराहों के अलावा गांव की यही दुर्गति है। प्रत्येक गांव में गैरमजरूआ आम और गैरमजरूआ मालिक के तहत जगहों पर गांव का पानी बरसात के महीनों में जमा होता था ,लेकिन उसका भी अतिक्रमण जारी है। इस गड्डो को कब्जा करने का तरीका कुछ अजीब है। पहले राख एवम उच्छिट पदार्थ डालकर इसको धीरे धीरे भरते हैं, फिर उस पर झोपड़ी खड़ा कर दखल कर लेते हैं। काररवाई के नाम पर अंचलाधिकारी कोई निर्णय नही ले पा रहे हैं।