गोपालगंज: जिले के छह अंचलों में बाढ़ से हुई व्यापक तबाही से बर्बाद हुए किसान-मजदूर अभी भी समस्याएं झेल रहे हैं। बाढ़ से मची तबाही में करीब साढ़े तीन लाख की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हुई थी। इस तबाही में करीब दो सौ गांवों के लोगों की करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो गई। बाढ़ आए करीब तीन माह की अवधि बीत चुकी है। बावजूद इसके अबतक बाढ़ से प्रभावित इलाकों में क्षतिग्रस्त मकान व फसल क्षति का मुआवजा अबतक नहीं मिल सका है। ऐसे में बाढ़ पीड़ित परिवारों के लोगों को कब तक मुआवजा मिलेगा, इस बात की कोई भी गारंटी नजर नहीं आती। अगस्त माह में तीन स्थानों पर सारण मुख्य तटबंध टूटने से जिले के छह अंचलों में बाढ़ से भारी तबाही मची थी। बाढ़ से हजारों परिवार के लोग बेघर होकर जान माल के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हुए।
प्रशासनिक स्तर पर राहत के नाम पर बाढ़ पीड़ित हजारों परिवारों को छह-छह हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई। लेकिन, अब भी कई परिवारों को यह राशि भी नहीं मिल सकी है। अलावा इसके प्रभावित इलाकों में मकान की क्षति से लेकर फसलों के भारी नुकसान के बावजूद उन्हें नुकसान का मुआवजा अबतक नहीं मिल सका है। मकानों की क्षति की कीमत आकलन की प्रक्रिया अंचल पदाधिकारियों की संचिका में उलझी नजर आ रही है। ऐसा तब है जबकि बाढ़ से हुए नुकसान का अविलंब आकलन कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिया गया था। बात कागजी कार्रवाई से आगे नहीं बढ़ सकी है। ऐसे में अभी हाल फिलहाल लोगों को फसल क्षति तथा मकानों की क्षति का तत्काल मुआवजा मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग तथा कृषि विभाग के अधिकारी भी वर्तमान समय में यह बता पाने की स्थिति में नहीं हैं कि पीड़ित परिवारों को कब तक मुआवजे की राशि मिल सकेगी। वही बाढ़ के कहर में सैकड़ों परिवारों के लोग बेघर होकर खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को विवश हैं। आंकड़ों की मानें तो बाढ़ में बैकुंठपुर, बरौली, सिधवलिया, मांझा, कुचायकोट तथा गोपालगंज प्रखंड के सैकड़ों कच्चे घर गिर गए। सैकड़ों घरों से होकर नदी की धारा बहने के कारण सैकड़ों की संख्या में पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए। सैकड़ों पक्के मकान पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए। इन परिवारों के लोग आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अपने घरों की मरम्मत का कार्य नहीं करा सके हैं। आज भी वे खुले आसमान के नीचे जी रहे हैं। इन परिवारों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
वही बाढ़ की तबाही में सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ। बाढ़ की तबाही में पांच प्रखंडों की 131 सड़कों के अलावा 40 की संख्या में पुल व पुलियों को नुकसान पहुंचा। अलावा इसके बाढ़ व कटाव के कारण दो सरकारी विद्यालय व दो आंगनबाड़ी केंद्र भी ध्वस्त हो गए। कई अन्य सरकारी संपत्ति को भी बाढ़ में नुकसान पहुंचा। वही आंकड़ों की मानें तो इस साल की भयंकर बाढ़ में बैकुंठपुर प्रखंड में सबसे अधिक नुकसान पहुंचा। इस प्रखंड में 1337 कच्चे-पक्के घरों व झोपड़ी को नुकसान पहुंचा। बरौली प्रखंड में 1321, सिधवलिया प्रखंड में 1251, मांझा प्रखंड में 381 तथा गोपालगंज प्रखंड में 223 कच्चे-पक्के मकान व झोपड़ी क्षतिग्रस्त हुए।