गोपालगंज: जिले के फुलवारिया प्रखंड के बैरागी टोला पंचायत के श्रीपुर ओपी परिसर स्थित बंगाली कॉलोनी में शनिवार की देर रात बंगाली रीति रिवाज से काली पूजा संपन्न हुई. काली पूजा को लेकर बंगला धर्मालंबियों के साथ साथ स्थानीय लोगों में खासा उस्ताह देखने को मिला. काली पूजा के समिति अध्यक्ष व शिक्षक राजेश कुमार, उपाध्यक्ष सुब्रत कुमार बोस, रंजीत कुमार सरकार, अजित कुमार सरकार, दुलाल भट्ट, राजकुमार दास तथा सपन दास आदि ने बताया कि काली पूजा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन सोशल डिस्टेंस का ख्याल रख किया गया. जिसमें बंगाल तथा बिहार के कई कलाकार शिरकत किया. इसके लिए तैयारियां दो सप्ताह से युद्ध स्तर से चल रहा था. काली पूजा के दूसरे दिन एक दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता था जो कोरोना वायरल के कारण नही लगाया गया.
इसके बावजूद भी कुछ दुकानदार अपनी दुकानों को लेकर पहुँच गए थे. जिसको लेकर स्वच्छता अभियान के तहत आने वाले सभी लोगों से अपील के साथ साथ हर 10 कदम पर स्वच्छता को लेकर डस्टबिन रखा गया था. जिसमें मिठाई खाकर लोग इधर उधर कागज या पॉलीथीन फेंक गंदगी ना फैलाएं. इतना ही नहीं काली पूजा के सदस्यों ने बताया कि यह पर्व 1956 ईस्वी से बंगाली रीति रिवाज से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. जिसमें स्थानीय लोगों का भी भरपूर सहयोग रहता है. उक्त समिति के सदस्यों ने यह भी कहा कि इस काली पूजा में प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिलता है.
वहीं मंदिर के पुजारी श्यामल चक्रवर्ती ने बताया कि वर्षो से चला आ रहा यह परंपरा मां काली की प्रतिमा को एक वर्ष पूजा करने के बाद नया प्रतिमा मूर्त रूप देकर रखा जाता है एवं पुरानी प्रतिमा को काली पूजा के तीन दिन पूर्व ही हर्ष उल्लास के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विसर्जन किया जाता है. वहीं मूर्ति निर्माण का कार्य स्थानीय मजिरवां कला गांव निवासी बाबूनंद प्रसाद सिंह की देखरेख में मूर्ति की अंतिम मूर्त रूप दिया गया है. काली मंदिर के पुजारी श्यामल चक्रवर्ती तथा सुरेश साधु ने बताया कि मां काली की पूजा अर्चना करने से मनुष्यों के सारे कष्ट दूर हो जाते है एवं उनमे आसुरी शक्तियों का विनाश हो जाता है. मनुष्य नई ऊर्जा प्राप्त कर मनोवांछित फल प्राप्त करते है ।