गोपालगंज: दीपों के त्योहार दीपावली पर दीये तो जलेंगे, पर अधिकांश घरों पर रंगों की रौनक फीकी ही रहेगी। चूना से लेकर पेंट्स की कीमत पिछले साल से नहीं बढ़ी है। कीमतें जस की तस हैं। लेकिन कोरोना की मार के कारण इस बार लोग अपने घरों का रंगरोगन करने से परहेज कर रहे हैं। चूना से लेकर पेंट्स की बिक्री सुस्त पड़ी है। दीपावली में भी कारोबार के रफ्तार नहीं पकड़ने से व्यवसासियों में मायूसी घिरने लगी है। पेंट के दुकानदार खरीदारों के आने की राह ही देख रहे हैं।दीपावली पर घर की साफ सफाई का अपना विशेष महत्व होता है। लक्ष्मी घर की तरफ रुख करें, इसको लेकर घर का कोना-कोना साफ करने के साथ ही लोग अपने घरों का रंग रोगन भी कराते हैं। लेकिन इस बार कोरोना की मार के कारण घरों का रंग रोगन कराने का काम ठप सा पड़ा हुआ है।
चूना से लेकर पेंट सहित रंगरोगन के काम आने वाली हर चीज की कीमत पिछले साल की ही तरफ इस बार भी जस की तस है। मजदूरी भी इस बार पिछले साल के ही बराबर है। लेकिन इसके बाद भी पेंट्स का कारोबार रफ्तार नहीं पकड़ रहा है। इसका एक कारण कोरोना के संक्रमण के बचने के लिए लोगों की सतर्कता है तो एक बड़ा कारण कोरोना के कारण काम धंधे पर असर पड़ना भी है। शहर राजेंद्र नगर निवासी विनित सिंह कहते हैं कि हर साल दीपावली में अपने घर का रंग रोगन कराते थे। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए घर का रंगरोगन कराने का इरादा छोड़ दिया है। इंद्रपुरी मोहल्ला के निवासी अधिवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि दीपावली में घर कर रंग रोगन कराने की सोच रहे थे।
लेकिन कोरोना के कारण काफी समय तक कचहरी बंद होने से वकालत प्रभावित होने को देखते हुए पूरे घर का रंग रोगन कराने की जगह केवल फाटक व खिड़कियों का पेट कर संतोष करना पड़ा। वहीं अधिवक्ता नगर के अखिलेश प्रसाद ने बताया कि हर साल दीपावली में अपने घर का रंग रोगन कराते थे। लेकिन कोरोना के कारण काम धंधा प्रभावित रहने को देखते हुए इस बार घर का रंग रोगन नहीं करा रहे हैं। पेंट के दुकानदार भी बताते हैं कि इस बार बिक्री गत वर्ष की अपेक्षा कम है। मजदूरी से लेकर पेंट्स व चूना कली का दाम जस का तस रहने के बाद भी काफी कम संख्या में लोग दुकान पर आ रहे हैं। खरीदारों के नहीं आने से कारोबार प्रभावित हो गया है।