शिक्षकों के हड़ताल से तिलमिला उठी है सुशासन की सरकार

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परवेज अख्तर/सिवान :- नियोजित शिक्षकों के हड़ताल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की विधानसभा में उत्तेजना देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि नियोजित शिक्षकों के हड़ताल ने उनके संतुलन को बिगाड़ दिया है उक्त बातें सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद पद की प्रत्याशी डॉ अनुज सिंह ने गोपालगंज में प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही उन्होंने कहा कि सुशील मोदी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन को मरीज द्वारा डॉक्टर के ऑपरेशन की बात कहते हैं तो नीतीश जी शिक्षकों की चर्चा से हटकर भवन निर्माण पथ निर्माण के कार्यरत मजदूरों का आंकड़ा बताते हैं सुशील मोदी जी का यह कहना कि सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद समान कार्य के लिए समान वेतन का मुद्दा खारिज हो गया तो मोदी जी तक मुझे इस वक्त के माध्यम से यह बात पहुंचाना है कि जब नेताओं की बात आती है तो अधिनियम तक पास हो जाते हैं कोर्ट के निर्णय को धता बता दिया जाता है और आज उचित मुद्दे हैं तो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के नाम पर मुद्दे को विसर्जित करने का प्रयास किया जा रहा है 2003 के पूर्व बच्चों की तादाद विद्यालयों से बाहर थी उन्हें लाने का कार्य नियोजित शिक्षकों ने किया ग्रामीण क्षेत्रों में संघर्ष करते हुए कम पैसे में जीवन यापन करते हुए अध्यापन का कार्य नियोजित शिक्षक ही कर रहे हैं जब सभी अस्तर से शिक्षकों ने सरकार के प्रशिक्षण शिक्षण सभी शर्तों का पालन कर रहे हैं तो फिर नियोजित शिक्षकों को समान कार्य हेतु समान वेतन देने में सरकार आनाकानी क्यों कर रही है इन्हें राज्य का दर्जा देने में सरकार को शर्म क्यों आ रही है

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