परवेज अख्तर/सिवान :- प्रगतिशील प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मंगल कुमार साह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की सरकार नियोजित शिक्षको को उपेक्षित कर चल रही है जो कहीं से उचित नहीं है सड़क से सदन तक नियोजित शिक्षकों की लड़ाई लड़ी गई, यहाँ तक कि उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक भी अपने हक के लिए संवैधानिक व्यवस्था के रूप में भी अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ा।उच्च न्यायालय में न्याय भी मिला परन्तु सरकार के साजिश के तहत मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुँचाया गया,जहाँ केंद्र सरकार की मिलीभगत से पुनः हम शिक्षकों को साजिश के तहत अधिकार से वंचित किया गया।
विडम्बना है कि 2015 में सेवा शर्त हेतु एक कमिटी बनायी गयी जो सिर्फ फाइलों में ही सिमट कर रह गई। 5 वर्षों में भी कमिटी के द्वारा सेवा शर्त तैयार नहीं होना निश्चित तौर पर शिक्षको को छलने का काम किया गया, जो लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। पुनः नियोजित शिक्षको की 2020 का हड़ताल रूपी आंदोलन को भी संक्रमण काल के आड़ में कुचलने के कार्य किया गया, वार्ता का प्रलोभन देकर भी वार्ता अबतक नहीं करना भी हमारे सम्मान के साथ क्रूर मजाक बना कर रख दिया है।