परवेज़ अख्तर/सिवान :- जिले के महाराजगजअनुमंडल मुख्यालय स्थित बाला जी मठ परिसर में पंचकुंडीय श्री हरिहरात्मक प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ को ले 5100 कन्याओं ने कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में हाथी घोड़े बैड बाजा के साथ बाला जी मठ परिसर से प्रारम्भ होकर नया बाजार, बाटा मोड़, सिहौता बाजार, राजेंद्र चौक, मोहन बाजार, नखास चौक होते हुए कलेक्ट्री पोखरा पहुंच जल भरकर कर्पूरी पथ पसनौली होते हुए यज्ञ स्थल बाला जी मठ पहुंच कर कलश यात्रा समाप्त हो गयी। कलश यात्रा का नेतृत्व श्री बाला जी मठ के मठाधीश श्री 108 श्री बद्री नारायण दास जी महाराज एवं अयोध्या से पधारे भागवत कथा वाचक श्री 108 श्री अखिलेश्वर दास जी त्यागी महाराज के द्वारा की गयी। कलश यात्रा के मद्देनजर प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था पर नियंत्रण बनाते हुए कई बड़े-बड़े वाहनों को शहर में प्रवेश के पूर्व सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करा दिया था। शहर के आम नागरिकों ने जल भरने के लिए निकली कन्याओं को कई एक जगहों पर ठंडे पानी की व्यवस्था किया था। शहरवासियों के द्वारा कलश यात्रा मार्ग को साफ सुथरा कर दिया गया था। कलश यात्रा में यज्ञ के यजमान संजय कुमार सिंह व अर्चना सिंह, रविन्द्र कुमार सिंह धनी व रिना देबी, मनोज कुमार सिंह व अनुपम देवी, राजीव रंजन कुमार सिंह व शशि देवी, जयंत सिंह व अहिल्या ठाकुर सुरेन्द्र कुमार व बेबी देवी, बिनोद कुमार बरनवाल, विजय कुमार गुप्ता, रामबाबू गुप्ता सपत्नी पूजा अर्चना के लिए यज्ञ स्थल पर सुख शांति, समृद्धि,समस्त क्षेत्रवासियों कि मंगलकामना की। कलश यात्रा को सफल आयोजन को लेकर मौके पर रामाशंकर सिंह,पतिराम सिंह,पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश कुमार, बृजभूषण सिंह,मोहन कुमार पद्ममाकर जी, सतीश कुमार सिंह , अनिल कुमार मिश्र उर्फ मुन्ना बाबा आदि मौजूद रहे।
पंचकुंडीय श्री हरिहरात्मक प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ को लेकर पिछले कई महीनों से तैयारी में भक्तगण तथा बाला जी मठ के मठाधीश श्री बद्री नारायण दास जी के अथक प्रयास से इस ऐतिहासिक यज्ञ का श्रीगणेश हुआ है। मठाधीश श्री बद्री नारायण दास जी महाराज ने बताया कि भागवत कथा संध्या 5:00 बजे से प्रारंभ होगा जो रात्रि 9:00 बजे तक चलेगा और पुनः 9:00 बजे से मध्य रात्रि तक रासलीला का विशेष आयोजन किया गया है। इस यज्ञ में अयोध्या धाम से पधारे यज्ञाचार्य श्री ज्ञानेंद्र तिवारी एवं श्री अवधेश शरण जी महाराज श्रोताओं को राम कथा का रसपान करेंगे वही अमरत्व प्रदान करने वाली भागवत कथा का रसपान श्री चंद्रभान द्विवेदी जी कराए।