✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
सिवान सदर अस्पताल के एसएनसीयू कक्ष में तैनात कर्मी और चिकित्सक की लापरवाही के कारण मंगलवार की रात एक नवजात बच्चा दूसरे को सौंप दिया गया। उक्त बच्चे की मौत इलाज के क्रम में एक निजी क्लीनिक में हो गई। इधर बच्चे के लापता होने की सूचना पर उसके स्वजनों ने सदर अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बुधवार की सुबह भी किया गया। स्वजनों ने तोड़फोड़ भी की। इसकी सूचना पर पहुंची नगर थाना और सराय ओपी की टीम ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया। बाद में मृत बच्चे के स्वजनों ने सीएस को लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। इधर मामले में एसएनसीयू के कर्मियों ने चुप्पी साध ली और कुछ भी बोलने से कतराते रहे।बताया जाता है कि मंगलवार की दोपहर हुसैनगंज थाना क्षेत्र के सलोनेपुर निवासी मिस्टर अली की पत्नी अफसाना को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। मिस्टर ने बताया कि रात्रि आठ बजे हमलोग बच्चों के देखने के लिए एसएनसीयू वार्ड में गए तो मेरा बच्चा वहां नहीं था। वहां तैनात स्टाफ द्वारा बताया गया कि बच्चे के अभिभावक रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर उसे इलाज के लिए लेकर किसी निजी क्लीनिक में चले गए हैं। हस्ताक्षर करने वाले का नाम इम्तियाज आलम अंकित था। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि सदर अस्पताल के एनएनसीयू में एक बच्ची भी भर्ती है और उसका कोई अभिभावक मौजूद नहीं है। रजिस्ट्रर में उस बच्ची के पिता के नाम इम्तियाज आलम दर्ज था। फोन करने पर इम्तियाज ने बताया कि वह अपनी बच्ची का इलाज शहर के स्टेशन रोड स्थित डाक्टर इसरायल के क्लीनिक करा रहे थे। जहां उसकी मौत हो गई। सदर अस्पताल द्वारा जब मृत बच्चे की जांच करने को कहा गया तो वह लड़का निकला। इसके बाद इम्तियाज मृत बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। जहां पूर्व से मिस्टर के स्वजनों ने बच्चे की बरामदगी और उसके मृत होने की सूचना पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर नगर थाना और सराय ओपी प्रभारी मौके पर पहुंचे और दाेनों बच्चों के स्वजनों को समझा बुझा कर शांत कराया। दोपहर बाद मिस्टर ने बच्चे को अपना लिया और उसके बाद उसे दफन कर दिया।
इम्तियाज ने कहा मेरी बच्ची है एसएनसीयू में इलाजरत थी
हुसैनगंज थाना क्षेत्र के सुरापुर गांव निवासी इम्तियाज आलम ने बताया कि 16 जनवरी की रात्रि मेरी बच्ची का जन्म सदर अस्पताल में हुआ था। गंभीर स्थिति में एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। मंगलवार को स्टाफ द्वारा बताया गया कि मेरी बच्ची की स्थिति ठीक नहीं है। मैं अपने बच्ची को रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर डा. इसरायल के यहां ले गया। इसी बीच सदर अस्पताल से रात्रि 11 बजे फोन आया कि मैं दूसरे का बच्चा लेकर चला गया हूं। डा. इसरायल के यहां जांच के दौरान पता चला कि जिस बच्चे का इलाज चिकित्सक कर रहे थे वह लड़का है और मेरी पत्नी ने लड़की को जन्म दिया था। इसके बाद मृत बच्चे को मैंने सदर अस्पताल के सिपुर्द कर दिया।
स्वजनों ने किया अस्पताल में हंगामा
नवजात बच्चे की मौत के बाद स्वजनों ने सदर अस्पताल हंगामा किया आक्रोशित स्वजनों ने तोड़-फोड की। हंगामा की सूचना पर नगर थाना इंस्पेक्टर श्री जयप्रकाश पंडित,सराय ओपी प्रभारी श्री तनवीर आलम मौके पर पहुंचे मामले को शांत कराया।