- अधिकांश स्कूलों में मेन्यू का नहीं बनता मध्याह्न भोजन
- 94 स्कूलों में एमडीएम बनाने में विभागीय उदासीनता आती है आड़े
- बीईओ द्वारा विद्यालयों के औचक निरीक्षण न करने का आरोप
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) खाने के लिए जहां राज्य सरकार ने पहले से ही नियम और व्यवस्थाएं बनाकर इसे लागू किया था वह प्रखंड में पूरी तरह असफल साबित हो रही है। प्रखंड के मटिकोड़वा स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय के छात्रों को एमडीएम खाने के लिए खुद अपने पैसों से पत्तल खरीदना पड़ रहा है। वहीं विगत कई महीनों से मेन्यू के हिसाब से भी एमडीएम नहीं बनाया जा रहा है जबकि बच्चों द्वारा इसका विरोध करने पर प्राचार्य द्वारा उन पर दबाव बनाया जाता है।
इस संबंध में पूछने पर प्राचार्य सर्वनाथ सिंह ने नाराजगी जाहिर की और बताया कि बच्चे अपने मर्जी से पत्तल खरीदकर उसमें भोजन करते हैं। वहीं इस तरह के कार्रवाई से प्रखंड के सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और परिजनों ने नाराजगी व्यक्त की है। लोगों का आरोप है कि इसमें कई छात्र काफी गरीब तबके के हैं जिनके पास नियमित तौर पर पत्तल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। उस हालात में वह आखिर कैसे रोज रोज पत्तल खरीद सकते हैं। इस संबंध में बीईओ तारकेश्वर गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि अगर इस तरह का मामला है तो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी। और ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।