परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड के तरका गांव में आयोजित रुद्र महायज्ञ में पूजा अर्चना, यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने तथा रामकथा सुनने के लिए प्रतिदिन काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। महायज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को रामकथा सुनाते हुए अयोध्या से पधारे कथावाचक परम पूज्य प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि भक्ति से भगवान आसानी से मिल सकते हैं। भगवान बिना बताए ही आ जाते हैं इसलिए नित्य तैयारी रखो ना जाने किस रूप में नारायण मिल जाएं। जिस देश, वेश एवं परिवेश में रहो भगवान का स्मरण करते रहो। किसी का प्रिय बनने के लिए ढलना एवं गलना पड़ता है। दूर रहकर भी प्रियता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रामजी के दरबार में प्रवेश करने के लिए हनुमानजी की शरण तो लेनी ही पड़ेगी।
इस दौरान उन्होंने भगवान राम के धनुष भंग एवं सीता-रामजी के विवाह प्रसंग की चर्चा हुई। महाराज ने कहा कि आपके हृदय में क्या है ये भगवान को बताने की जरूरत नहीं वह तो सबके हृदय में वास करते हैं। मां भगवती और भगवान सब जानते हैं कि किसके मन में क्या है। भोजन प्रसाद बन जाए तो समझ लेना लक्ष्य की पूर्ति हो गई। उन्होंने कहा कि जीव भाव समाधि में चला जाता है तो क्रिया का लोप हो जाता है। इसमें साधक और सहज जीव को विस्मरण हो जाता है। आनंद में रहिए समय का पता ही नहीं चलेगा। वाणी को बहुत मधुर रखना चाहिए। जितना विनम्र रहेंगे उतना ही लोग अधिक स्नेह करेंगे। हमेशा नम्र एवं शीलवान रहना चाहिए, किसी को भी छोटा नहीं माने, सूर्य का छोटा सा गोला पूरे विश्व को प्रकाशित करता है। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।