परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड मुख्यालय स्थित गंडकी नदी तथा सरयू नदी में नाले का पानी गिरने से नदी प्रदूषित होती जा रही है। इसको देखते हुए ग्रामीण आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। ज्ञात हो कि गुठनी बाजार में विधाकय सत्यदेव राम ने अपने मद से बड़ा नाला का निर्माण कराया था। गुठनी बाजार की सबसे बड़ी समस्या नाले के पानी का निकासी है। ग्रामीणों ने द्वारा नाले का पानी ग्यासपुर स्थित सरयू नदी तथा गुठनी स्थित छोटी गंडक नदी में गिराने को लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। नाले की पानी को नदी में गिराने से नियमित नदी में स्नान करने वालों की संख्या कम हो गई है। लोगों का कहना है कि इससे हमलोगों के धार्मिक भावना आहत तो होती ही है साथ ही नदी का पानी भी पूरी तरह प्रदूषित हो जाता है।
नदी के किनारे वाले गांव के लोग अपने पशुओं को नदी के किनारे चराने के लिए लाते हैं, गर्मियों के महीने में दिन-दिन भर गाय व भैंस की समूह नदियों में गोता लगाते रहते हैं, लेकिन अब नाले का पानी नदियों में गिरने के बाद पशु भी नदियों में जाने से कतराने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जबरन पशुओं को नदी में ले जाने से पशुओं को बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। गुठनी पश्चिमी निवासी शैलेंद्र दुबे ने बताया कि नदी में नाले का पानी नहीं गिराना चाहिए। सरकार को इसके लिए विकल्प का प्रबंध करना चाहिए, अन्यथा इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। इस मौकै पर अजय दुबे, टिंकू, ब्यास, विजय कुमार समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।