परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी प्रखंड के तरका गांव में चल रहे रुद्र महायज्ञ में पूजा अर्चना के लिए सुबह-शाम श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। वहीं रामकथा सुनने के लिए भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। गुरुवार को आचार्य प्रेमभूषण महाराज ने श्रीराम कथा के क्रम में सती मोह व शिव-पार्वती विवाह की कथा, सीता की खोज में बिलखते प्रभु राम को देख सती के संशय, भगवान राम की सती द्वारा परीक्षा, दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपमान पर सती द्वारा योगाग्नि में जलने और शिव द्वारा यज्ञ विध्वंस करने की कथा सुना श्रद्धालु भावविभोर कर दिया। भजन कीर्तन और मंगलगान से पूरा रामलीला मैदान भक्तिमय में हो उठा। उन्होंने बताया कि भगवान शिव और सती भारद्वाज ऋषि के आश्रम में भगवान राम की कथा सुनाने पहुंचे, जहां पर सती का मन नहीं लग रहा था।
सती सोचने लगी कि मेरे पति ही सर्वश्रेष्ठ हैं। वहीं रास्ते में भगवान राम सीता की खोज में भटकते हुए मिले। उन्हें देख भगवान शिव ने प्रभु राम को प्रणाम किया। यह देख सती ने पूछा कि यह कौन है। तब शंकर ने कहा कि मुनि लोग, साधक, वेद जिनकी चर्चा करते नहीं थकते वह प्रभु श्रीराम हैं। सती आप भी प्रणाम करें। सती को संदेह हुआ कि पत्नी वियोग में रहने वाला भगवान कैसे हो सकता है। भगवान शिव के बहुत समझाने पर भी सती नहीं मानी और भगवान शिव से अनुमति लेकर प्रभु राम की परीक्षा लेने पहुंची। इस दौरान सती प्रभु राम के आगे चलने लगी। लक्ष्मण यह देख माजरा समझ गए। मन में विचार किए कि यह तो नकली भाभी हैं। मेरी भाभी तो भैया के पीछे चलने वाली है। इधर भगवान राम ने सती को देख प्रणाम किया और पूछा कि शंकर बाबा कहां है। इतने में सती समझ गई। इस मौके पर विनय तिवारी,शुभ नारायण तिवारी, राजेश तिवारी, राजन जी महाराज, नागमणि तिवारी, ललन राय समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।