- एकलौते बेटे की मौत के कुछ घंटे बाद मां की भी हुयी मौत
- तीन की मौत के बाद अब भी चार लोग गंभीर रूप में इलाजरत
- क्षेत्रीय विधायक सत्यदेव राम मिले पीड़ित परिवार से
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के बलुआ गैस सिलेंडर विस्फोट कांड में इलाज के दौरान गोरखपुर में 13 अगस्त की रात एक महिला राजन देवी की मौत के बाद चौथे दिन मंगलवार की रात उसके आठ वर्षीय भतीजे हर्ष कुमार की लखनऊ में मौत हो गयी. यही नहीं हर्ष की मौत के कुछ ही देर बाद उसकी मां साधना देवी की भी मौत हो गयी. मंगलवार रात्रि मां बेटे की मौत की सूचना जैसे ही गांव पहुंची, माहौल गमगीन हो गया और इसकी जानकारी होते ही विधायक सत्यदेव राम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. बलुआ पीड़ित परिवार की समस्या सुन विधायक ने बीडीओ आनंद प्रकाश, सीओ शंभूनाथ राम तथा थानाध्यक्ष को मौके पर बुलाया और पीड़ित परिवार को पारिवारिक लाभ, कबीर अंत्येष्टि लाभ व मुख्यमंत्री आपदा योजना से मिलने वाली राशि उपलब्ध कराने की बात कही. उन्होंने इस संबंध में एसडीओ रामबाबू बैठा से भी मोबाइल पर वार्ता कर पीड़ित परिवार को समुचित लाभ मुहैया कराने की बात कही. विदित हो कि गुठनी के बलुआ गांव में तीन अगस्त की आधी रात गैस सिलेंडर में रिसाव के बाद कमरे में फैले गैस से अचानक विस्फोट के साथ आग लग गयी थी. जिसमें एक ही परिवार के सात लोग गंभीर रूप झुलस कर घायल हो गए थे. गंभीर हालत में झुलसे सातों लोगों को गुठनी पीएचसी फिर सीवान सदर अस्पताल ले जाया गया था. सीवान सदर अस्पताल से भी उन सभी घायलों को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. जिसके बाद परिजन बेहतर इलाज के लिये गोरखपुर ले गये थे. गोरखपुर में इलाज के दौरान घायलों में शामिल महिला रजनी देवी (38) की मौत इलाज के दौरान गोरखपुर में गत 13 अगस्त की रात्रि गयी. मंगलवार को उसके भतीजे तथा गोतनी की मौत हो गयी है. इस घटना में अभी चार लोग जीवन और मौत से जूझ रहे हैं. जिनमें एकलौते बेटे व पत्नी को खो चुका हरेराम यादव (33) और उसकी एकलौती बेटी आरसी (4) भी शामिल है. इसके अलावा विजय यादव की बेटी शालू (15) व इंद्रासन यादव के पुत्र श्रवण कुमार (23) गंभीर हालत में गोरखपुर में इलाजरत हैं.
आर्थिक तंगी से गांव के लोग चंदा लगाकर करा रहे हैं इलाज
बलुआ गैस सिलेंडर अगलगी घटना में एक ही परिवार के सात लोगों के झुलसने व तीन की मौत के बाद गांव के लोग काफी दु:खित हैं. गांव के लोगों के दु:ख का कारण पीड़ित परिवार का आर्थिक तंगी भी है. गांव के लोग चंदा वसूल कर सभी घायलों का इलाज करा रहे हैं परंतु एक के बाद एक की मौत होने से ग्रामीण काफी दुःखित हैं. ग्रामीणों ने विधायक और प्रशासन के समक्ष कहा कि कुछ अनुदान शीघ्र नहीं मिला तो जीवन और मौत के बीच जूझ रहे चार व्यक्तियों का इलाज प्रभावित हो सकता है.