परवेज अख्तर/सिवान: जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के सोहागरा, सोनहुला, श्रीकलपुर, धर्मपुर, गायसपुर, खड़ौली, मैरीटार समेत दरौली व सिसवन के कई दर्जनों गांव की हजारों एकड़ भूमि जलजमाव से मुक्त होने लगी है। हालांकि पानी निकलने के बाद अब कई तरह की परेशानियां शुरू हो गई हैं। दुर्गंध से लोग जहां पानी कम हुआ है वहां जाना नहीं चाहते हैं। गुरुवार को दरौली में सरयू का जलस्तर 60.850 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान के करीब .3 मीटर अधिक है। दरौली में खतरे का निशान 60.82 मीटर निर्धारित है। वहीं सिसवन में तो सरयू नदी का पानी खतरे के निशान से भी कम हो गया है। गुरुवार को सिसवन में सरयू नदी का जलस्तर 56.610 मीटर मापा गया जबकि खतरे का निशान 57.04 निर्धारित है। यहां सरयू नदी खतरे के निशान से .43 मीटर कम बह रही है।
दरौली एवं सिसवन में सरयू नदी के जलस्तर में लगातार चार दिनों से कमी दिखाई दे रही है तथा ग्रामीण इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी तेजी से निकल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से मकानों, झोपड़ियों, पशुओं, फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है इसका आज तक स्थानीय अधिकारियों द्वारा जायजा नहीं लिया गया। जल संसाधन विभाग के जेई रजनीश कुमार रवि ने बताया कि गुरुवार को सरयू नदी का जलस्तर पिछले दिनों में सबसे निचले स्तर पर आ गया है। उन्होंने बताया कि विभाग गोगरा तटबंध पर सोहागरा से लेकर सिसवन तक लगातार नजर रखे हुए हैं। कहा कि सरयू का जलस्तर लगातार कम होता चला जाएगा। वहीं बाढ़ से जहां दो दर्जन से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है। वहीं इसमें लगे पानी से लोगों को काफी असुविधा हो रही है। वहीं सरयू नदी में बाढ़ से जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ। वहीं रबी की खेती पर भी काफी असर पड़ेगा। ग्रामीणों को चिंता इस बात की है कि गेहूं, सरसों, आलू, गोभी, लहसुन, मूली, प्याज की खेती काफी पिछड़ जाएगी। वहीं निचले इलाकों में जलजमाव के बाद गेहूं की फसल बोना असंभव सा लग रहा है इससे कई किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस संंबंध में कार्यपालक पदाधिकारी नवल किशोर भारती ने बताया कि सरयू नदी का जलस्तर अब बिल्कुल कम हो गया है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस पर नजर रखे हुए हैं।