रंजेश कुमार झा/हाजीपुर: हाजीपुर में तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल के विरुद्ध किसानों के आंदोलन का छह महीना बीतने पर किसान संगठनों की मांग पर व किसान संगठनों के समर्थन में पूरे देश में वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से देश के तमाम किसान संगठनों, राजनीतिक दलों की ओर से मीटिंग कर अपना समर्थन किसानों के पक्ष में दिया और सरकार से तत्काल तीनों कृषि कानूनों व बिजली बिल संशोधन कानून वापस लेने की मांग की। आंदोलन की इस कड़ी में बिहार राज किसान सभा वैशाली जिला इकाई की ओर से जिला अध्यक्ष अधिवक्ता संजीव कुमार के नेतृत्व में एक वर्चुअल मीटिंग की गई,जिसमें विषय प्रवेश भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के जिला सचिव कामरेड राज नारायण सिंह ने कहा कि वर्तमान केंद्र की सरकार अपने जनविरोधी नीतियों के लिए कुख्यात है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में देश के नौजवान,देश की महिलाएं, श्रमिक वर्ग, छात्र, पेशेवर अधिवक्ता, सहित तमाम लोग आंदोलनरत है लेकिन सरकार अपने कॉर्पोरेट मित्रों को खुश करने के लिए देश के तमाम संसाधनों की लूट कर रहे हैं। जिसका ताजा हमला किसानों की खेती की जमीन और खेती का पूरा व्यवसाय है। किसानों का एक मांग एमएसपी को कानूनी दर्जा देने का भी है जिसे सरकार आंकड़ों का खेल दिखा कर देने से इनकार करती है। कार्यक्रम में अंबेडकरराइट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता राम पुकार पासवान ने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन करना हीं नरेंद्र मोदी की सरकार के एकमात्र लक्ष्य रहा है और इसी के तहत किसानों के ऊपर यह हमला केंद्र सरकार ने की है।भारतीय लोक मंच पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अधिवक्ता व अभिनेता कुणाल सिकंदर सरकार के अड़ियल रवैया के लिए काफी आलोचना की और कहा कि एक संवेदनशील सरकार से ऐसी कल्पना नहीं की जा सकती कि किसान आंदोलन में मर रहे हो और सरकार चुनावी रैलियों की तैयारी में लगी हुई हो।
किसान कांग्रेस के प्रदेश संयोजक व मीडिया प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता ने कहां के आंदोलन की निरंतरता बताती है कि नरेंद्र मोदी की निरंकुश शासन का अंत होगा। इस अवसर पर खेत मजदूर यूनियन के पूर्ण काल पासवान ने किसानों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि खेत मजदूरों का हक किसानों के हक के साथ जुड़ा हुआ है। खेती की जमीन अगर कारपोरेट के हाथों में चली जाएगी खेत मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे। मीटिंग को हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता रमेश सिंह चंदेल ने कहा कि तीनों कृषि कानून,कानून के मान्य दृष्टि से भी स्वीकार्य नहीं है। वर्तमान सरकार इसे तत्काल रद्द करें। इस अवसर पर लालगंज भगवानपुर अंचल कमेटी के भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के सचिव कामरेड मदन मोहन शर्मा ने कहा कि किसानों का आंदोलन अब नरेंद्र मोदी की सरकार की सत्ता से बेदखली का आंदोलन होगा। इस वर्चुअल मीटिंग को किसान नेता महेश राय, मजदूर नेता राम जी राम, महिला नेत्री रेखा देवी माझी, नीरज कुमार, राम कुमार राम, विनोद कुमार सा, सुनील कुमार राय, रामचंद्र पासवान, आदि ने भी संबोधित किया।