परवेज अख्तर, सिवान: शहर के स्टेशन रोड स्थित ख़ानक़ाह अमजदिया शरीफ उर्स के मौके पर रंगीला बाबा के मजार को रंग बिरंगी रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया गया है। यह ख़ानक़ाह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। यहां बिना किसी भेदभाव के सभी जाति, धर्म, समुदाय के लोग श्रद्धा से शामिल होते हैं। ख़ानक़ाह के बाहर और अंदर परिसर में जगह जगह बड़ा स्क्रीन भी लगाया गया है जिससे ख़ानक़ाह में होने वाले प्रोग्राम को लोग दूर से भी आसानी से देख सकें। ख़ानक़ाह के सात दिवसीय सालाना उर्स के तीसरे दिन शनिवार को अलम शरीफ का आयोजन किया गया। रात नौ बजे ख़ानक़ाह परिसर में निशान नसब (अलम, झंडा) किया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में अकीदतमंद शामिल थे। इसके बाद महफिले शमा (सूफियाना कौवाली) का आयोजन हुआ, जिसमें यूपी, बंगाल, बिहार व सिवान के दर्जनों कव्वालों ने एक से बढ़ कर एक सूफियाना क़व्वाली पेश कर शमा बांधे रखा। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। इस मौके पर ख़ानक़ाह के सज्जादानशीन सैयद डॉ हयात अहमद अमजदी, डॉ इल्तेफात अमजदी, तनवीर अमजदी, बरकत अली, फारूक सिवानी, कांग्रेस नेता सैयद मोहिउद्दीन ललन, इक़बाल अहमद, नसीम अख्तर, शकील अहमद, गुलाम हुसैन, नइमुद्दीन अहमद, परवेज आलम, मो एसरार, अब्दुल कादिर, जमीर अहमद, लुकमान सरकार, सब्बू मोहम्मद, सुही मोहम्मद, असिरुल इस्लाम, शमशाद अली, डॉ रिज़वान, डॉ अरशद, मो.आरिफ, भोला बाबा, नन्हे, मोख्तार, फिरोज अहमद, लड्डन समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे। मिलादुन्नबी के बाद महफिले शमा में खैरुद्दीन कौवाल, एसरार कौवाल, अशरफ जमा ने सूफियाना कव्वाली पेश किया। खानकाह के सज्जादा नशीन डॉक्टर सैयद हेयात अहमद अमजदी ने बताया की 2 अप्रैल को चादर शरीफ (रंगीला बाबा के मज़ार पर), 3 अप्रैल को सैयद शाह तसद्दुक अली रह. (पर वाले बाबा), हाकिम सैयद खुर्शीद रह. सैयद सगीर अहमद रह. के मजार शरीफ पर चादरपोशी होगी तथा इसी दिन रात 2 बजे कुल (फातेहा) व महफिले खाश का आयोजन होगा। 4 अप्रैल को बाद नमाजे फज्र सभी मज़ार शरीफ पर ग़ुस्ल शरीफ होगा सुबह 7 बजे कुल शरीफ के बाद समापन होगा। उन्होंने बताया कि सभी प्रोग्राम के बाद महफिले शमा का आयोजन होता है। जिसमे कव्वाल सूफियाना कव्वाली पेश करते हैं।