परवेज अख्तर/सिवान: मुकद्दस रमजान में रोजेदार संक्रमण के इस दौर में घरों में रहकर इबादत कर रहे हैं. तीसरे अशरे के आखिरी जुमे को अलविदा का जुमा कहा जाता है. जुमा अलविदा के बाद ही ईद का त्योहार आता है. माह-ए-रमजान का आखिरी जुमा यानी जुमा अलविदा कोरोना कर्फ्यू के कारण मस्जिदों में चुनिंदा चार से पांच लोग ही नमाज अदा की.
विज्ञापन
इस संक्रमण को मद्देनजर अभी अन्य ने आपने घरों में ही नमाज अदा की. रोजेदार अपने घरों में ही जुमे की नमाज अदा करके मुल्क में खुशहाली को कोरोना से निजात दिलाने की दुआ किया. इस बार भी सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी द्वारा कोरोना गाइड लाइन का पालन कर घरों में रहकर खुदा की इबादत करने को कहा गया था. जहां घरों में रहकर ही अकिदतों के साथ रमजान की सारे प्रोग्राम हो रहे हैं.