- दस हजार आबादी पर एक मरीज मिलता है तो शून्य की स्थिति नहीं
- गोरेयाकोठी, पचरूखी व महाराजगंज में मरीज मिलने की है संभावना
परवेज अख्तर/सिवान: कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इस दिशा में लगातार किया जा रहा कार्य अब रंग भी लाने लगा है। बीते एक दो वर्षों की बात करें तो कालाजार के मरीजों की संख्या में काफी गिरावट आयी है। इन दिनों जिले का एक भी प्रखंड कालाजार से ग्रसित नहीं है। वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन ने बताया कि आंकड़े पर गौर करें तो जिले का गोरेयाकोठी प्रखंड में कालाजार मरीज मिलते आ रहे हैं। इसके बाद पचरूखी और महाराजगंज में भी केस बढ़ने की आशंका बनी रहती है। हालांकि अबतक स्थिति सामान्य है। बाकी के तीन महीनों में भी स्थिति पर नियंत्रण रखने की कोशिश की जा रही है।
विश्वास है कि इस वर्ष के मौजूदा आंकड़े में कोई बदलाव नहीं होगा। बताया कि कालाजार मुक्त घोषित करने का एक सामान्य नियम है। दस हजार आबादी पर यदि कालाजार का एक मरीज भी मिलता है तो उसे शून्य की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। गोरेयाकोठी में अभी मरीज मिलने का आंकड़ा 0.7 बतायी जा रही है। हालांकि पहले की तरह अब कोई प्रखंड हॉट स्पॉट की श्रेणी में नहीं है। पहले की अपेक्षा स्थिति में काफी सुधार है। वहीं दिसंबर तक जिले को कालाजार मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।