- सदर अस्पताल में 5 बेड का बनाया जाएगा विशेष डेंगू वार्ड
- प्राइवेट अस्पतालों में भी विशेष वार्ड बनाने का निर्देश
- स्वास्थ्यकर्मियों को किया जायेगा जागरूक
- सभी सरकारी अस्पतालों में उपचार व दवा की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश
छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच मानसून ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे में डेंगू व चिकनगुनिया के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। इसको लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक-सह- राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने सभी सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है।
पत्र में बताया गया है कि सदर अस्पताल में 5 बेड का एक विशेष डेंगू वार्ड तैयार रखा जाए। डेंगू वार्ड में सभी बेडों को मच्छरदानी युक्त करना सुनिश्चित किया जाए। जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल में भी यही व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जिले के अंतर्गत सभी निजी अस्पतालों एवं चिकित्सकों आदि को प्रत्येक डेंगू एवं चिकनगुनिया मरीज को अधिसूचित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. यह बताया गया है कि मेडिकल पैरामेडिकल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू चिकनगुनिया बुखार के संबंध में जागरूक करें , ताकि मरीजों की पहचान कर ससमय उनका उपचार सुनिश्चित किया जा सके। डेंगू चिकनगुनिया के उपचार के लिए दवा आदि की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
संभावित डेंगू मरीजों की प्लेटलेट्स की संख्या पर रखी जायेगी नजर
पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि सभी संभावित डेंगू मरीजों को सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल रेफर न किया जाए, बल्कि संभावित डेंगू मरीजों के खून की जांच कर डिफरेंशियल काउंट ऑफ डब्ल्यूबीसी कर उनके प्लेटलेट्स की संख्या पर नजर रखी जाए। यदि मरीज के शरीर पर लाल चकत्ते दिखता दिखाई दे, मसूड़े से खून आए, पेट में दर्द एवं पैखाना काला होने लगे तो ऐसी स्थिति में उन्हें नि:शुल्क सरकारी एंबुलेंस सेवा 102 द्वारा नजदीक के सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल में भेजने की व्यवस्था की जाए। साथ हीं मरीज के खून के नमूने नजदीक सेंटिनल सर्विलांस हॉस्पिटल भेजे जाए.
जल-जमाव वाले स्थानों पर होगा छिड़काव
डेंगू चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर एडीज के लार्वा को नष्ट करने के लिए जिला स्तर पर कार्यरत फाईलेरिया इकाई द्वारा लार्वासाईडल का छिड़काव जलजमाव वाले स्थानों, नालों में करने का निर्देश दिया गया है। स्थानीय निकायों से मच्छर नियंत्रण के कार्य में सहयोग प्राप्त किया जाए।
लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर सामान्यता दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी में पनपता है। डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है। इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगती है। वहीँ चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक होती है। गंभीर स्थिति में यह 6 माह तक रह सकती है। डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं। इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है।
क्या है लक्षण
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द ,जी मचलाना एवं उल्टी होना ,आँख के पीछे दर्द. त्वचा पर लाल धब्बे/ चकते का निशान ,नाक, मसूढ़ों से रक्त स्त्राव ,काला मल का आना डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण है।
ऐसे करें बचाव
- घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें
- कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
- मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें
- पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहने एवं कमरों की साफ़-सफाई के साथ उसे हवादार रखें
- आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें
- जमा पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें
- खाली बर्तन एवं समानों में पानी जमा नहीं होने दें
- जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डालें
- डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें