परवेज़ अख्तर/सिवान:
सदर अस्पताल में ओपीडी का संचालन पुराने समय पर किया जा रहा है। सुबह आठ बजे से दो बजे तक यहां सामान्य रूप से चिकित्सक और मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन शायद सदर अस्पताल प्रबंधन यह भूल गया है कि अभी कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन भारत में नहीं आई है। फिलहाल कोरोना से बचाव के लिए मास्क और शारीरिक दूरी ही सबसे बड़ी वैक्सीन है, फिर भी यहां मरीज ना तो शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और ना ही मास्क लगाकर इलाज को पहुंच रहे हैं। जिससे कोरोना वायरस के बढ़ने का खतरा बढ़ गया हे। सुबह 10 बजते ही दवा की पर्ची और दवा वितरण केंद्र पर मरीजों की संख्या इतनी हो जाती है कि सभी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लग जाते हैं। इस कारण से मेडिकल स्टाफ और चिकित्सक तक कोरोना के जद में आ सकते हैं।
अस्पताल में नियमों का पालन कराने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। ऐसे में अस्पताल आ रहे मरीजों द्वारा बरती जा रही अनदेखी उन्हें स्वस्थ करने के बजाए बीमार डाल सकती है। ओपीडी में 400 से 500 मरीजों का अब रोजाना चेकअप हो रहा है। वहीं ठंड बढ़ने के बाद मरीजों की संख्या में रोजाना ही बढ़ोतरी हो रही है। सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं कोरोना वायरस के भी कमोबेश यही लक्षण हैं।नियमों की हो रही अनदेखी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारी कार्यालयों में आने वाले सभी लोगों और कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिग जरूरी है। मास्क पहनना तो सबके लिए अनिवार्य किया गया है। सदर अस्पताल में इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकारी दफ्तरों में खुद को बचाने की खातिर अधिकारी और कर्मचारी तो पूरी तरह से सतर्क हैं, टेबल पर सैनिटाइजर भी रखे हुए हैं, लेकिन मरीज और उनके स्वजनों को शारीरिक दूरी के अनुपालन को लेकर सजग नहीं किया जा रहा है।
कहते हैं अधिकारी
नियमों का पालन करने के लिए गार्ड को कहा गया है। कोरोना नियमों का पूरा पालन होगा।
एसरारूल हक
सदर अस्पताल प्रबंधक, सिवान