पटना: जिले के कमतौल थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में शर्मनाक घटना हुई। पहले नाबालिग के साथ दुराचार किया गया। जब पीड़ित परिवार ने इस बारे में पुलिस में मामला दर्ज कराया तो गांव में पंचायत शुरू हो गई। आश्चर्यजनक रूप से फैसला आरोपित के पक्ष में दिया गया। पीड़िता को कुछ रुपये लेकर इस केस को वापस करने का फरमान जारी कर दिया गया। यह पहले ही मरने जैसे एक बुरे अनुभव से गुजर चुकी नाबालिग के लिए दूसरी बार मरने जैसा था। पंचों के इस निर्णय से दुखी होकर पीड़़ि़ता ने गुरुवार को जहर खा लिया। जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। बेहतर इलाज के लिए उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। इस संबंध में पीड़िता की मां का कहना है कि दुराचार मामले को वापस लेने के दबाव से दुखी होकर उसने ऐसा जानलेवा कदम उठाया है। आरोपितों ने केस वापस नहीं लेने की स्थिति में जान से मारने की धमकी भी दी थी।
घटना के बारे में गांव के मुखिया के पुत्र ने बताया कि किसी बात को लेकर ग्रामीणों ने पंचायत की थी। लेकिन, उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। वहीं थाना प्रभारी ने इस घटना की पुष्टि की है।उन्होंने पीड़ित परिवार पर समझौता के लिए दबाव बनाए जाने का भी उल्लेख किया। कहा, इससे परेशान होकर पीड़िता ने घर में रखी हुई खटमल मारने की दवा खा ली। इस घटना के बाद पुलिस नए ढंग से मामले की जांच कर रही है।
छह मामले पहले हुई थी घटना
गांव के ही एक युवक ने छह माह पूर्व नाबालिग के साथ दुराचार किया था। इसके बाद आरोपित के खिलाफ कमतौल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। घटना के बाद से आरोपित जेल में है। उसके स्वजन के दबाव में पंचायत बुलाई गई थी। जिसमें कुछ लेकर मामले को वापस लेने का फैसला सुनाया गया था। पीड़िता की मां ने कहा कि वह इस पंचाय के फैसले की जानकारी देने कमतौल थाना गई थी। उस समय उसकी बेटी घर पर अकेली थी। मौका पाकर मो. इस्लाम शेख, मो. मुस्लिम शेख, मो. सगीर शेख और मो. नजीर शेख के साथ कुछ और लोग घर पर आए और मेरी बेटी को जान से मारने की धमकी देने लगे। साथ ही जल्द केस वापस नहीं लेने पर जिंदा जलाने की धमकी दी। इससे डरकर पीड़िता ने घर में रखी खटमल मारने की दवा खा ली।