✍️परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हुसैनगंज प्रखंड के बघौनी पंचायत अंतर्गत माहपुर खजरौनी में गुरुवार रात कुतबुल अवलिया अबुल फय्याज कमरुल हक हजरत शैख गुलाम रशीद अरशद मोहम्मद रशीद मुस्तफा रहमतुल्लाह अलैह दादा पीर का सालाना उर्स पाक कदिम रश्मों रेवाजों के साथ मनाया गया। सालाना उर्स पर मजार के अंदर कादरीय मिल्लत के आस्ताने पर चादरपोशी कर फातेहाखानी पढ़ी गई। इस मौके पर काफी संख्या में कौमी एकता का मिसाल में हिंदु-मुस्लिम अकीदतमंदों ने नजराना अकिदत पेश किया। मजार पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। देर रात तक चलने वाले जलसे में धार्मिक उलेमाओं ने उर्स की अहमियत पर प्रकाश डाला।
उर्स में कई बड़े मुख्य वक्ताओं ने अवलिया व मिल्लत के जीवनी की व्याख्या करते हुए कहा कि अमिने मिल्लत बिना जाति व धर्म को देखे, सभी दबे कुचले लोगों से प्यार व मोहब्बत करते और उनके हर सुख-दुख में उनके साथ खड़े रहते थे। इन बुजुर्गों के नसीहत और रास्ते हमारे जिंदगी में कामयाबी दिलाएगा। इस दौरान उनके बताए रास्ते में चलने का संकल्प लिया गया। मो. फरजान ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से भाईचारा को मजबूती मिलती है। शहजाद फारुकी ने बताया कि हमारे बुजुर्ग हमेशा से हिंदुस्तान की सर जमीन पर एकता और मोहब्बत का मिसाल कायम किया है।