- कहीं विनोद व सगीर मिलकर तो नहीं देना चाहते थे कोई बड़ी अपराधिक घटना को अंजाम
- पुलिसिया अनुसंधान जारी पर अटकलों पर नहीं लग रहा है विराम
परवेज अख्तर/एडिटर-इन-चीफ :
जहां आज के दौर में आम से खास तक के लोग मिठाई से भरा झोला थामने से कतराते हैं लेकिन फिलहाल यह बात अब तक लोगों के बीच समझ से परे है कि आखिर सगीर के द्वारा दिया गया बम से भरा झोला विनोद ने कैसे थाम लिया ? लोग यह जानने को बेताब हैं कि पल भर के मुलाकात में सगीर के द्वारा दी गई बम से भरा झोला कैसे थाम ली गई। हालांकि इस पूरे प्रकरण में पुलिस कप्तान अभिनव कुमार के दिशा निर्देश के आलोक में स्थानीय पुलिस बारीकी पूर्वक अनुसंधान कर रही है। उधर पुलिस कप्तान अभिनव कुमार इस घटना को लेकर अनुसंधान प्रभावित होने का हवाला देकर कुछ भी बताने से साफ-साफ इंकार कर रहे हैं। लेकिन उनका दावा है कि जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा कर लिया जाएगा कि आखिर बम विस्फोट का राज क्या था! यहां बताते चलें कि रविवार की दोपहर हुसैनगंज थाना क्षेत्र के जुड़कन गांव निवासी विनोद मांझी व उसका 4 वर्षीय पुत्र सत्यम कुमार बम विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया था जहां विनोद की हालत चिंताजनक स्थिति में होने के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। जहां वह पीएमसीएच के बेड पर जीवन व मौत से जूझ रहा है। परिजनों का कहना है कि मेरे ही गांव की सगीर साई नामक व्यक्ति ने बम से भरा झोला विनोद मांझी को दे दिया था और झोला देते समय उसने कहा था कि एक व्यक्ति आएगा तो उसे यह झोला दे देना। इसी दरमियान झोले में रखा बम अचानक विस्फोट कर गया जिससे पिता व 4 वर्षीय पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिससे आनन-फानन में प्राथमिक उपचार हेतु सिवान सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया था। जहां उसका इलाज अभी जारी है।