परवेज अख्तर/सिवान: जिले के हुसैनगंज प्रखंड के हरिहांस, गोपालपुर सहित विभिन्न गांवों में सिंचाई विभाग द्वारा 14 वर्ष पूर्व सिंचाई के लिए करोड़ों रुपये की लागत से दो दर्जनों से अधिक नलकूप का निर्माण कराया गया था। शुरुआती दौर में डीजल इंजन से मोटर को चलाने का प्रावधान था। इसके लिए शेड बना, जमीन के नीचे से पाइप बिछाकर जगह- जगह खेतों तक पहुंचाया गया, लेकिन लंबे अरसे बीतने के बाद भी किसानों की खेतों तक एक बूंद पानी तक नहीं पहुंच पाया है। धीरे-धीरे करीब सभी शेडों से मोटर की चोरी हो गई।
तत्पश्चात विभाग द्वारा कुछ दिनों के बाद पंप को बिजली से चलाने के लिए सारी व्यवस्था की गईं। खंभे खड़े कर तार खींचा गया, ट्रांसफार्मर भी लगाया गया, लेकिन ये सारी व्यवस्थाएं धरातल पर टांय-टांय फीस साबित हुई। आज इसके सभी कल पुर्जे भी खराब हो चुके हैं। जहां मोटर लगे थे, वह भी चोरी हो गए। सरकार के अकूत खजाने की क्षति हुई और परियोजना भी फेल साबित हुआ। इसके निर्माण को देखकर किसानों ने सोचा कि अब सस्ते दर पर सिंचाई हो पाएगी, लेकिन उनकी सोच केवल सपना ही साबित हुआ। किसान आज भी 100 रुपये प्रति लीटर डीजल खरीदकर सिंचाई करने को मजबूर हैं।
निजी पंपसेट से खेतों की सिंचाई को मजबूर हैं किसान :
किसान शिवबचन ने बताया कि आज भाड़े पर 200 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से पंपसेट से खेतों की सिचाई हो रही है। किसानों ने सरकार से नलकूपों को शीघ्र चालू कराने की मांग की है। ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।