पटना: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से एक ऐसी खबर सामने आयी है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. जहां एक दूल्हा बस इसी लिए बारात लेकर ससुराल नही पहुंचा, क्योंकि दुल्हन वालों ने उसे दहेज में मनपसंद की बाइक बुलेट नहीं दिया और फिर पूरी रात शादी के मंडप में ही दूल्हे और बाराती का इंतजार में दुल्हन और उनके परिवार वाले बैठे रह गये. बता दें कि बिहार में नीतीश सरकार ने दहेज विरोधी कानून बना रखा है. लेकिन चंपारण में इसका प्रभाव होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
चंपारण जिले में एक दूल्हा एवं उसके परिवार वाले ने शादी में 10 लाख से ज्यादा का दहेज लेने के बाद भी बारात लाने से ठीक पहले बुलेट की मांग कर दी. जब दुल्हन पक्ष बुलेट देने में असमर्थता जताई तो, उसने बारात लाने से ही मना कर दिया।
जबकि दुल्हन के परिवार वालों को लगा कि दूल्हा बारात लेकर शादी को जरुर आएगा. इसलिए दुल्हन के पिता ने शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली, विवाह का मंडप भी सजाया गया. शादी को लेकर दुल्हन की सारी रस्मों को भी पूरा कर लिया. गांव वालों को भोजन कराया गया. पंडित विवाह सम्पन्न कराने के इंतजार में बैठे रहें. लेकिन ना तो दुल्हा पहुंचा और ना ही बाराती. दुल्हन और परिवार वाले शादी के मंडप में ही इंतजार करते रह गये।
बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के पकड़ी दीक्षित गांव के रहने वाले पन्नालाल साह की बेटी की शादी मुजफ्फरपुर जिले के जाफरपुर निवासी चन्दन कुमार से ठीक हुआ था. जिसमे दहेज़ के रूप में चन्दन के परिवार वालो ने लड़की के पिता से 12 लाख रुपए नगद भी लिया. जिसके बाद अचानक से शादी के दिन लड़के वालों मे बुलेट की मांग कर दी. जिस पर लड़की वालों ने बुलेट देने इनकार कर दिया जिस पर दुल्हा ने शादी के लिए बारात लेकर ही नही आया. जिस पर दुल्हन के पिता ने थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है साथ ही दुल्हा एवं उसके परिवार वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।