सामूहिक रूप से इफ्तार पार्टी का नहीं होगा आयोजन
परवेज अख्तर/सीवान : रमजान का पाक महीना 14 अप्रैल से शुरू होगा. क्योंकि इसकी शुरुआत 13 अप्रैल को चांद देखकर की जायेगी. इसको लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजान के रोजे रखने की तैयारियां पूरी कर ली है, लेकिन इस बार रमजान के महीने में कुछ अलग ही नजारा दिखेगा.
कोरोना के वैश्विक महामारी के बीच दूसरे साल भी रमजान में रोजेदारों को सब्र का इम्तिहान कुछ ज्यादा ही देना पड़ेगा. रोजे तकरीबन 14 घंटे 12 मिनट से ज्यादा समय के होंगे. साथ ही भीषण गर्मी भी परेशान करेगी. सामूहिक इफ्तार मस्जिदों में नहीं होगी और नहीं सामूहिक रूप से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा सकेगा. क्योंकि शारीरिक दूरी बनाकर रखने और कोरोना के वैश्विक महामारी के लगतार बढ़ने से राज्य सरकार ने धार्मिक स्थल पर आम लोगों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है इसको अनुपालन करने का निर्देश सरकार और प्रशासन द्वारा पहले ही जारी किया जा चुका है. मस्जिद के इमाम द्वारा भी तरावीह घर पर ही पढ़ने की अपील मुसलमानों से कर चुके हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सभी धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. इसका अनुपालन करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने शांति समिति की बैठक आयोजित कर निर्देश दे चुके हैं. इससे पहले बाजार में सेहरी एवं इफ्तार के सामान की खरीदारी पूरी तरह शुरू हो गई है. मस्जिदों की साफ-सफाई भी ईशा की नमाज के बाद पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज की तैयारी की जा रही है. रमजान उल मुबारक का महीना जो कि बड़ा बरकत वाला महीना होता है. इस मुकद्दस माह में कुरआन शरीफ नाजिल हुआ. इस माह में विशेष नमाज तरावीह जो ईशा की नमाज के बाद अदा की जाती है. इस तरावीह में कुरान शरीफ मुकम्मल किया जाता है. इसमें सभी मुस्लिम समाज के लोग नमाजे तरावीह में शरीक रहते हैं. जिले के जी. बी. नगर थाने के तरवारा बाजार स्थित मदरसा जामिया बरकातीया अनवारूल उलूम के हेडमास्टर मौलाना हामिद रजा शमसी ने बताया कि माह-ए-रजमान बहुत ही करीब है.
इस इबादत के महीने में मुस्लिम समाज मस्जिदों में तरावीह, रोजा इफ्तार आदि करते हैं. लेकिन कोरोना महामारी के कारण मस्जिदों में सामुहिक इफ्तार व तरावीह पर प्रतिबंध लगा दी गई है. इस लिए मुस्लिम समाज तरावीह, इफ्तार घर पर ही अदा करें. बरकत के महीने में कसरत से इबादत करने के साथ जरूरतमंदों की मदद की जाए. रमजान माह में दुआएं जल्द कुबूल होती है, ऐसे में हर शख्स रोजा रखे और विश्व में कोरोना महामारी से निजात के लिए दुआएं करें. रमजान के महीन में उतना ही सामान खरीदा जाए, जितना जरूरत है. बाकी बाजारों में भीड़ नहीं लगाएं. उन्होंने ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि रमजान के दौरान भी सरकार के गाइडलाइन का पालन करें. इस महामारी से बचाने के लिए अल्लाह से खास दुआ करें. उन्होंने कहा कि इबादतों से भरपूर रमजान का महीना ऐसे वक्त पड़ रहा है जब देश और पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है. उन्होंने ने कहा कि रमजान में तरावीह कि नमाज व जुमा के बदले दोपहर की नमाज अपने-अपने घरों में अदा करे.
लोग इफ्तार के लिए कोई सामूहिक आयोजन नहीं करें और न ही मस्जिदों में जाएं. अपने घर पर परिवार के बीच रोजा इफ्तार करें और नजाम पढ़ें. साथ ही मुबारक माह में जरूरतमंद, पड़ोसी की मदद जरूर करें. यह दीन-ए-इस्लाम का अहम हिस्सा है. उन्होंने ने बताया कि इस महीने में की जाने वाली इबादत का सबाब अन्य महीनों से कई गुना ज्यादा मिलता है. उन्होंने ने कहा कि इस समय हिजरी संवत का शाबान महीना चल रहा है. इस महीने की 30 तारीख 13 अप्रैल को है. इस दिन चांद दिखाई देने पर रात से ही रमजान के मुबारक महीने में अदा की जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज की शुरुआत हो जाएगी. अकीदतमंद ईशा की नमाज के साथ ही तरावीह की 20 रकात नमाज भी अदा करेंगे.
इस विशेष नमाज में ही पूरे महीने हाफिज साहब कुरान शरीफ का दौर मुकम्मल करेंगे. मौलाना ने कहा कि रमजान में लोग तरावीह भी जरूर पढ़ें, लेकिन मस्जिद में आने के बजाय अपने अपने घरों में ही रहकर तरावीह की नमाज अदा करें. वह भी एक वक्त मे पांच से ज्यादा लोग जमा ना हो. साथ ही कहा कि जिन घरों में हाफिज हों तो वह पूरी कुरान मजीद पढ़ें, वरना जिसको जितना भी याद हो, वह 20 रकात में उसे पढ़ें. उन्होंने लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होने से भी मना किया है और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करने की अपील की है.