- केन्द्रों में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान न तो मानकों का ही पूरा किया जाता है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर ही मौजूद होते हैं
- छापेमारी के बाद भी केन्द्रों पर कार्रवाई नहीं होने से मनोबल बढ़ा है
- इससे जुड़े वरीय पदाधिकारी की चुप्पी भी बहुत कुछ बयां करती है
परवेज अख्तर/सिवान: जिले में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण के नाम पर धड़ल्ले से अवैध अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केन्द्रों में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान न तो मानकों का ही पूरा किया जाता है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर ही मौजूद होते हैं। लिहाजा जांच के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं ऐसे अवैध अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की जानकारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों की चुप्पी अपने आप में बहुत कुछ बयां कर देती है। कई बार तो ऐसा भी देखा जाता है कि जिले की टीम द्वारा सेंटरों पर छापेमारी करने के दौरान अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद भी कर लेती है बावजूद इसके संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे में संचालकों का अवैध केन्द्रों का संचालन का मनोबल बढ़ता है।
जिले में जितने वैध उतने ही अवैध सेंटर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल साठ के करीब निबंधित अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं। जबकि कई ऐसे भी अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं जिनका इकरारनामा समाप्त हो गयी है लिहाजा उनके संचालन पर रोक लगा दी गयी है। इसके बाद भी जिले में जितने वैध अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं उतने के करीब अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर भी है। जहां लोगों का धड़ल्ले से स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही लिंग परीक्षण का काम भी किया जा रहा है।
अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई करने को लेकर आया पत्र
जिले में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालन पर रोक लगाने को लेकर भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमली वेलफेअर की ओर से भी एक पत्र जारी किया गया है। कहा गया है कि रधुनाथपुर प्रखंड में अयोग्य टेक्नीशियनों द्वारा संचालित धड़ल्ले से संचालित हो रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कार्रवाई की जाए। इतना ही नहीं मिली जानकारी के अनुसार इन सेंटरों में लिंग परीक्षण करने का भी काम किया जा रहा है। लिहाजा आज जिले में लिंगानुपात 988 तक पहुंच गया है।