पटना: बिहार विधानसभा में आज विधायकों के पत्र का जवाब नहीं देने पर नीतीश सरकार घिर गई। राजद विधायक रामबली सिंह चंद्रवंशी ने सदन में सवाल पूछा कि अधिकारी विधायकों के पत्र का जवाब नहीं देते। विधायकों के पत्र की सूचना देने का समय सीमा निर्धारित की जाये। वहीं बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने सदन में बताया कि मुख्य सचिव के यहां से विधायकों के पत्र का जवाब देने का सभी अधिकारियों को निर्देश गया है। फिर भी अधिकारियों द्वारा जवाब नहीं दिया जाता। बीजेपी विधायक ने सदन में बताया कि हमारे 106 पत्रों का जवाब आज तक नहीं मिला।
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि इस संबंध में पहले से दिशा-निर्देश जारी है। सरकार की तरफ से समय सीमा निर्धारित की गई है। सरकार के पत्र को हर हाल में पालन अधिकारियों को करना ही होगा। विधायकों के पत्र का जवाब अधिकारियों को देना है। अगर किसी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया है तो जानकारी दें उस पर कार्रवाई होगी। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि विधायकों द्वारा कई बार कहा जाता है कि माननीयों को सम्मान नहीं दिया जाता है। मुख्य सचिव का इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। हम सदन को स्पष्ट करना चाहते हैं कि अधिकारियों को स्पष्ट हिदायत है। अगर कोई दूरभाष पर भी कोई विधायक बात करते हैं तो अधिकारियों को पूरा सम्मान देना है। बीजेपी विधायक ने मंत्री के जवाब से एतराज जताया और कहा कि मुख्य सचिव व सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ पत्र भेजा गया है। अधिकारियों को जवाब भी देना है लेकिन ऐसा होता नहीं।। हमारे 106 पत्रों का जवाब आज तक नहीं दिया गया। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
वहीं, राजद विधायक आलोक मेहता ने कहा कि सरकार अधिकारियों को निर्देश देती है। फिर भी अधिकारी विधायकों के पत्र का जवाब नहीं देते। ऐसे में विधानसभा की एक सशक्त कमिटी बनाई जाए। मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार के पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि पंद्रह दिनों में पत्र की पावती की सूचना व अगले 15 दिनों की कार्रवाई की सूचना देनी है। फिर भी अगर इस तरह की शिकायत है तो आप जानकारी दें। आप सरकार को सहयोग करें। विधायकों की मांग पर विस अध्यक्ष ने सदन में प्रोटोकॉल समिति के गठन का ऐलान कर दिया।