पटना: बिहार में इसी साल बिहार विधान परिषद के 24 सीटों के लिए चुनाव होना है. त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मत से बिहार में होने वाले इस चुनाव के लिए अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है. ऐसी संभावना है कि मार्च महीने में चुनाव कराई जा सकती है।
लेकिन चुनाव को लेकर अभी से ही सभी पार्टियों में गतिविधियां तेज हो गईं हैं. सबसे ज्यादा खींचतान महागठबंधन में देखने को मिल रहा है. लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने एमएलसी चुनाव की 24 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारने के लिए पूरी तैयारी कर लेने का दावा किया है।
आरजेडी की ओर से नौ सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची तैयार कर लेने की बात सामने आ रही है. हालांकि, इस संबंध में आरजेडी के कोई भी पदाधिकारी कुछ नहीं बता नहीं रहे हैं. इधर, आरजेडी की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने सात सीट से कम पर नहीं मानने का नारा बुलंद कर लिया है. ऐसे में फिर एक बार दोनों पार्टियों के बीच खींचतान शुरू हो गई है।
कांग्रसे की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ” बिहार विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अकेले लड़ कर के देख लिया कि क्या हाल हुआ. अब कांग्रेस अकेले लड़ने का भूल नहीं करेगी. वो समझ गई है कि आरजेडी का साथ जरूरी है. कांग्रेस के साथ आरजेडी का नेचुरल एलायंस रहा है. हमने कई चुनाव साथ लड़े हैं. ऐसे में विधान परिषद के चुनाव को लेकर भी सब कुछ तारीखों के एलान के बाद तय हो जाएगा।
इधर, बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि सात सीट पर हमारे पास जीतने लायक उम्मीदवार हैं. वैसे तो हमारी 10 से 11 सीटों पर हमारी पकड़ बहुत मजबूत है, इसमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन गठबंधन धर्म को कायम रखने के लिए हाईकमान का निर्देश होता है, तो वैसी परिस्थिति में हाईकमान की भावनाओं के अनुरूप सात सीट पर लड़ने पर भी सहमति बन सकती है. लेकिन उससे कम तो बर्दाश्त नहीं होगा।
समीर सिंह ने पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि उपचुनाव के बाद राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने स्पष्ट रूप से बयान दिया था कि कांग्रेस हाईकमान से मेरी बातचीत हो गई है और विधान परिषद के चुनाव में हम कांग्रेस को भी सीट देंगे. ऐसे में हम तैयारियों में लगे हुए हैं, हमें कोई दिक्कत नहीं है।