मोतिहारी: जिले में सिपाही की ड्यूटी लगाने के लिए दोनों हाथ से वसूली का खेला होता है। बिना पैसा के सिपाही को ड्यूटी पर नहीं लगाया जाता है। सिपाही की ड्यूटी लगाने का अलग अलग रेट है। एक्साइज विभाग में ड्यूटी लगाने पर बाहर की आमदनी होने को लेकर 7 हज़ार रूपये रेट है। हद तो यह है की बिना चढ़ावा के सिपाही की ड्यूटी नहीं लगेगी। इसी कड़ी में साहेब के नाम पर मुंशी का एक सिपाही से रिश्वत मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सिपाही 2 हज़ार रुपया देकर अपना ड्यूटी लगाने के लिए आरजू विनती करता है। लेकिन लाइन के मुंशी जी कहते है कि बिना चढ़ावा के सार्जेंट डियूटी नहीं लगाएंगे। सिपाही कह रहा है मात्र दो हज़ार रुपया का व्यवस्था हुआ है। लेकिन मुंशी जी कहते है कि डीएसपी दो हज़ार नहीं लेते। फीस दस हज़ार है। लेकिन अच्छा व्यवहार होने के कारण तुमको 7 हज़ार देना पड़ेगा। ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर लोग यह कहते नही थक रहे कि सुशासन की सरकार में जब सिपाही के ड्यूटी लगाने के लिए रिश्वत लगता है। यहीं कारण है की बिना रुपया चढ़ाए कोई काम थाना में नही होता।
वायरल ऑडियो में सिपाही कहता है की पेमेंट का ज्यादा पैसा लोन में कट जाता है। तनख्वाह में नहीं बचता है। किसी तरह व्यवस्था करके 2 हज़ार लाये है। ड्यूटी लगवा दीजिए। मुंशी जी कहते है कि डीएसपी साहब नहीं मानेंगे। कम से कम 5 हज़ार का व्यवस्था करो। मेरे साथ चलकर डायरेक्ट साहब के हाथ में दे देना। सिपाही फिर कहता है कि पैसा नहीं था। लेकिन किसी दोस्त से मांगकर 2 हज़ार लाये हैं। ले लीजिए और डियूटी लगवा दीजिए। लेकिन मुंशी जी कहते है कि ऐसा नहीं होगा। कम से कम 5 हज़ार देने के बाद ही ड्यूटी लगेगा। नहीं है तो किसी से मांग लो। एक्ससाइज विभाग में करवा देते है। साहब से एक दारोगा जी के सामने बात हुई है। उनसे पूछ लो। एक्ससाइज विभाग में न छूटी का टेंशन है नही हथियार ढोने का। वही ऊपरी आमदनी भी अच्छा है।
तब सिपाही कहता है कि ठीक 2 हज़ार रखकर ड्यूटी लगवा दीजिए। बाकी कमाकर दे देंगे। मुंशी जी कहते है ऐसा नही होगा। पैसा नही है तो जाओ दूसरा का हो जाएगा। लेकिन पुलिस महकमा में चर्चा है कि पुलिस लाइन के मुंशी व एक सिपाही की बातचीत का ऑडियो है। दिवा मुंशी सिपाही से डीएसपी सह सार्जेंट के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहे है। हालाँकि सूत्रों के अनुसार कुछ माह पूर्व का ऑडियो बताया जा रहा है।