परवेज अख्तर/सिवान : जिले के भगवानपुर, आंदर, हसनपुरा,रघुनाथपुर आदि प्रखंडों के पंचायतों में किसान चौपाल लगा किसानों को कम लागत से अधिक उत्पाद तथा सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। भगवानपुर हाट प्रखंड के खेढ़वा पंचायत के सानी बगाही गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय परिसर में सोमवार को आयोजित किसान चौपाल में पंचायत स्तर के किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार मांझी ने किसानों की समस्या को सुना एवं उनके निदान के उपाय बताए। प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने किसानों को कम लागत में आय दोगुनी करने के भी टिप्स दिए। इस अवसर पर बीज ग्राम, मुख्यमंत्री तीब्र बीज विस्तार योजना, कृषि यांत्रीकरण, मिट्टी जांच, धान की सीधी बोआई, जैविक खेती आदि पर चर्चा की गई। तकनीकी सहायक पर्यवेक्षक नवनीत गोस्वामी, कृषि समन्वयक अफजल अंसारी, किसान सलाहकार धनंजय सिंह, पूर्व बीडीसी सदस्य अमरनाथ श्रीवास्तव, मुखिया सरोज देवी, केदार राम, जितेंद्र महतो, रामेश्वर महतो, रामनाथ महतो, बृजकिशोर सिंह आदि उपस्थित थे। वहीं आंदर प्रखंड के अर्कपुर पंचायत के ग्राम कटवार में सरकार के द्वारा किसान चौपाल लगाया गया। इसमें किसानों को खेती से संबंधित जानकारी दी गई। कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह, कृषि सलाहकार धनंजय कुमार, मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार बैठा,राम भगवान यादव, बादशाह यादव, बचेंद्र राम, अरुण यादव, नथुनी यादव, रामाश्रय शर्मा, मणिंद्र यादव, शिवकुमार यादव आदि मौजूद थे। हसनपुरा प्रखंड के पकड़ी पंचायत के महुअल महाल स्थित अनु बस्ती प्राथमिक विद्यालय में बीएओ अशोक कुमार सिंह तथा हरपुर कोटवा पंचायत के पसिवर और देवी स्थान पर सहायक कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार के नेतृत्व में किसान चौपाल लगा किसानों को खेती तथा योजनाओं की जानकारी दी गई। इस मौके पर समन्वय रंजीत सिंह, सोनू कुमार किसान सलाहकार उदय कुमार, उमेश प्रसाद, संतोष चौधरी, मुखिया, सरपंच एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
किसानों चौपाल में विभाग पर खानापूर्ति का आरोप -राशन-केरोसिन के नाम पर बुला जा रहा है
रघुनाथपुर प्रखंड के दो पंचायतों में सोमवार को आयोजित किसान चौपाल में किसानों की आय दोगुनी करने बजाय राशन-केरोसिन की बात की जा रही थी। उधर दूसरी तरफ प्रखंड मुख्यालय रघुनाथपुर पंचायत के पंचायत भवन पर आयोजित चौपाल को किसान के अभाव में तीन घंटा के बजाय 20 मिनट में खत्म करना पड़ा। किसानों से अधिक संख्या विभाग के कर्मियों की थी। इस दौरान किसानों को धान के बीज के बारे में ही जानकारी दी गई। अन्य पंचायतों की तरह मुख्यालय के पंचायत में भी कुव्यवस्था देखी गई। यहां न बैठने को दरी और ना ही बोलने को माइक की व्यवस्था थी और न ही किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था। इस मौके पर सभी कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार मौजूद थे।[sg_popup id=”5″ event=”onload”][/sg_popup]