सास-बहू व बेटी सम्मेलन में दी गयी परिवार नियोजन की जानकारी, स्थाई व अस्थायी साधनों पर हुई चर्चा

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  • बैलून के माध्यम से किया गया जागरूक
  • परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल
  • 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का लक्ष्य

गोपालगंज: परिवार नियोजन पर अलख जगाने की नई पहल की गयी है। सास एवं बहू के माध्यम से परिवार नियोजन पर जागरूकता फैलाई जा रही है। जिले में मिशन परिवार विकास अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिले हथुआ प्रखंड में आरोग्य दिवस पर सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें आने वाली सास-बहू की जोड़ियों को परिवार नियोजन के स्थाई तथा अस्थाई साधनों के बारे में जानकारी दी गयी तथा साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। सास-बहू सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा सास-बहू के जोड़ियों के साथ खेल खेला गया। जिसमें सास-बहू की जोड़ियों ने काना-फूसी की। इसके माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि काना-फूसी व परिवार नियोजन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें। बल्कि आशा या एएनएम के द्वारा बताये गये परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करें।

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परिवार नियोजन के इन साधनों पर हुई चर्चा

केयर इंडिया के परिवार नियोजन समन्वयक अमित कुमार ने बताया परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी गयी । स्थायी साधनों में महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी एवं अस्थायी साधनों में कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होने कहा कि नवीन गर्भनिरोधक ‘अंतरा एवं ‘छाया’ के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। ‘अंतरा’ गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं ‘छाया’ गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है।

बैलून के माध्यम से दी संदेश

केयर इंडिया के परिवार नियोजन के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि सास-बहू सम्मेलन के दौरान सास और बहू को चार पांच बैलून गोद में दिया जाता है और उसे संभालकर रखने को कहा जाता है। लेकिन चार पांच में से एक-दो बैलून हाथ से छूट कर गिर जाता है। फिर एक जोड़ी सास-बहू को दो बैलून दिया जाता है जिसे वे असानी से पकड़ लेती हैं और नीचे नहीं गिरता है। जिससे यह संदेश दिया जाता है कि अगर ऐसे हीं चार पांच बच्चे होंगे तो संभालना मुश्किल होगा। इससे आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। दो बच्चों को बाद परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का लक्ष्य

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कुल प्रजनन दर(प्रति महिला बच्चों की कुल संख्या) में कमी, आधुनिक गर्भ-निरोधक साधनों के उपयोग को बढ़ाने, गर्भ-निरोधक साधनों की सामुदायिक स्तर पर पहुँच सुनिश्चित करने एवं परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरुकता को बढ़ाने के लिए उच्च कुल प्रजनन दर की सूची में शामिल बिहार में मिशन परिवार विकास की शुरुआत की गयी है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार अभी बिहार की कुल प्रजनन दर 3.2 है। मिशन विकास परिवार के तहत वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।