कागज तक सिमटा सेफ राइडिंग व ट्रैफिक यातायात का निर्देश
बस की छतों पर यात्रा को ले नही होती है कार्यवाई
परवेज़ अख्तर/सीवान:- ट्रैफिक नियम को लेकर अधिकारियो से आम लोगों तक जागरूकता महज बंद कमरे व कागज तक की बात बन कर रह गयी है .प्रशासन जहा इस दिशा में सार्थक पहल करने से कतरा रही है वही आम लोग प्रशासनिक उदासीनता के कारण नियम कि जब चाहे जहां चाहे धज्जियां उड़ा रहे हैं. देखा जाय तो शहर में ट्रैफिक के सामने ही बस की छतों पर यात्रा , ट्रिपल लोडिंग, नाबालिग के द्वारा वाहन चलाना आम बात है. कुछ दिन पूर्व में हेलमेट व कागजात को लेकर जिले में जमकर वाहन जांच चली जिसमे प्रतिदिन प्रत्येक थानों में अत्यधिक राशि वशूली जाती थी.लेकिन अब अभियान का असर भी समाप्त हो गया है.बताते चले कि यह बात सामने आ रही है कि अधिकतर चालक बिना हेलमेट के ही बाइक दौड़ा रहे हैं.
बस की छतों पर यात्रा को ले नही होती है कार्यवाई
शहर से लेकर गांव तक बस व जीप की छतों पर बैठकर यात्रा करना आजकल के लिये आम बात हो गयी है. जिला मुख्यालय से प्रखंड क्षेत्रों में जाने वाली अधिकतर वाहनों पर चालक भेड़ बकरियों की तरह वाहनों के छत पर बैठा कर यात्रा कराते हैं .इस पर प्रशासन की नजर नहीं है. दुर्घटना के बाद तो महज एक से दो दिनों के लिए ही प्रशासन इस पर अभियान चलाती है उसके बाद चुप हो जाती है.
बाइक पर ट्रिपल लोडिंग आम बात
जिस प्रकार चार पहिया या अन्य वाहनों के छत के ऊपर जान जोखिम में डालकर यात्री यात्रा करते हैं. ठीक उसी प्रकार बाइक पर ट्रिपल लोडिंग से लेकर तीन-चार यात्रियों को लेकर चलना भी आम बात हो गया है.बताते चलें कि जिला मुख्यालय में प्रतिदिन ट्रिपल लोडिंग लहरिया कट गाड़ी चलाते हुए नाबालिगों को देखा जाता है जो पुलिस के सामने से आराम से अपनी मस्ती में निकल जाते हैं .ट्रैफिक पुलिस में शहर में जितने भी जवान तैनात किये गये हैं. उनमें अधिकतर जवानों की उम्र इतनी अधिक हो गयी है कि युवा वर्ग के लोगों को ट्रैफिक का भय नहीं नहीं रहता है.
प्रतिबंध के बाद भी चल रहे हैं जुगाड़ वाहन
कोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी जिले में जुगाड़ वाहन धड़ल्ले से चल रहा है. लेकिन इन दिनों जिले के सभी क्षेत्रों में जुगाड़ वाहन बेधड़क दौड़ रहे हैं . जुगाड़ वाहन में ना तो सुरक्षा का कोई इंतजाम है और ना ही तकनीकी सुरक्षा की कोई गारंटी है . इस कारण कभी भी इससे कोई बड़ा हादसा होने की आसंका बनी रहती है .