गोरेयाकोठी में एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी को पछाड़ना है मुश्किल, सभी वर्गों का मिल रहा है समर्थन

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परवेज़ अख्तर/सिवान:
सिवान जिले के गोरेयाकोठी विधान सभा क्षेत्र में अचानक एक सप्ताह के अंदर एनडीए गठबंधन के पक्ष में चुनावी बयार बहनी शुरू हो गई है। जबकि एक सप्ताह पूर्व इस विधानसभा क्षेत्र में चहुओर महागठबंधन की चुनावी बयार बह रही थी। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए गठबंधन को पछाड़ना बहुत ही मुश्किल साबित होगी। सीवान ऑनलाइन न्यूज़ की टीम ने विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव में अपने सर्वेक्षण के दौरान पाया कि इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए गठबंधन को सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। यहां के लोग विकास के नाम पर वोट करेंगे। हालांकि क्षेत्रों में कई एनडीए गठबंधन के कार्यकर्ता अपने गठबंधन के प्रत्याशी से नाराज हैं और वे क्षेत्रों में घूम घूम कर अपने ही प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं।

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इसके बावजूद भी आम जनमानस उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। यहां की आम जनमानस भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के कार्यों से संतुष्ट होकर एनडीए गठबंधन के द्वारा चयनित उम्मीदवार को विजयी बनाने का मूड बना चुके हैं। सीवान ऑनलाइन न्यूज़ की टीम ने कई दलित तथा महादलित बस्तियों में भी बारीकी पूर्वक लोगों से पूछताछ की तो उपरोक्त बस्तियों में बसने वाले लोगों का सीधा कहना था कि पहले हम लोग झुग्गी झोपड़ियों में रह कर अपना जीवन यापन करते थे। लेकिन यह बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का आशीर्वाद है कि हम सभी लोग आज ईंट के घरों में रहकर सुख व शांति से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। यहां बताते चलें कि इस विधानसभा क्षेत्र से एनडीए गठबंधन की ओर से देवेशकांत सिंह तथा महागठबंधन की ओर से नूतन वर्मा चुनावी अखाड़े में हैं।

जबकि इस विधानसभा क्षेत्र से कई दिग्गज निर्दलीय प्रत्याशी भी अपना-अपना भाग्य आजमा रहे हैं।अगर निर्दलीय प्रत्याशियों पर प्रकाश डालें तो वोटरों को लुभाने में निर्दलीय प्रत्याशी भी पीछे नहीं हैं।कई निर्दलीय प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में मताधिकार का प्रयोग कराने को लेकर कई तरह के तरकीब अपना रहे हैं। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशियों को इस विधानसभा क्षेत्र के वोटरों को अपने पक्ष में कर लेना इतना आसान साबित नहीं होगा। यहां बताते चले कि इस विधानसभा क्षेत्र से राजद पार्टी के विधायक सत्यदेव प्रसाद सिंह है। लेकिन इस बार के चुनाव में महागठबंधन ने उन्हें टिकट देने से वंचित रखा। महागठबंधन ने दूसरा प्रत्याशी का चयन कर चुनावी अखाड़ा में उतारा है।

हालांकि वर्तमान विधायक सत्यदेव प्रसाद सिंह को पार्टी का सिंबल नहीं मिलने के बावजूद भी वे चुनावी मैदान में हैं तथा सफल होने के लिए श्री सिंह ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सर्वेक्षण के अनुसार वर्तमान विधायक सत्यदेव प्रसाद सिंह जो अपनी जमानत तक बचा ले तो यह बहुत गर्व की बात है। लेकिन वर्तमान समय में दूर-दूर तक उनका कहीं जनाधार देखने को नहीं मिल रहा है। वही महागठबंधन के प्रत्याशी नूतन वर्मा पर प्रकाश डाले तो वे विधानसभा क्षेत्र के राजद के चर्चित लीडर स्वर्गीय मुन्ना वर्मा की पत्नी हैं। स्वर्गीय मुन्ना वर्मा लगातार कई वर्षों से राजद का टिकट पाने की होड़ में प्रयासरत थे। लेकिन कोरोना काल के गाल में वे समा गए। जिससे उनकी आकस्मिक निधन हो गई।महागठबंधन के कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस क्षेत्र में हम सभी लोग अपने उम्मीदवार का सजातीय वोट को इकट्ठा कर लेंगे तथा राजद के समीकरण वाले वोट श्री तेजस्वी यादव के सिंबल पर प्राप्त होने के कारण लीड कर जाएंगे।

अगर यादव समुदाय के लोगों पर चर्चा करें तो इस विधानसभा क्षेत्र से एक यादव समुदाय के जुझारू नेता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। जो कोरोना काल से गरीबों व जरूरतमंदों के बीच राशन वितरण कर अपनी अच्छी खासी पैठ बना लिए हैं। अगर मुस्लिम समुदाय के प्रत्याशियों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र से कई दिग्गज निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं। बहरहाल चाहे जो हो फिलहाल चुनावी सर्वेक्षण में यह स्पष्ट रूप से पाया गया है कि इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए गठबंधन को पछाड़ना बहुत ही मुश्किल है। यहां के लोग विकास के नाम पर बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को दुबारा मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।