परवेज़ अख्तर/सिवान:
नूर-ए- हक सम्मे इलाही को बुझा सकता है कौन, जिसका हामी हो खुदा उसको मिटा सकता है कौन…!!
यह उक्त पंक्तियां पढ़ने में थोड़ा सा अटपटा जरूर लगता होगा। लेकिन यह समझ से परे नही है। यहां महागठबंधन के प्रत्याशी कामरेड अमरजीत कुशवाहा है। जो फिलहाल अभी जिले के एक चर्चित कांड में जेल के सलाखों में हैं। लेकिन यहां की जनता उनके नामांकन के दिन ही पूरी मुस्तैदी के साथ यह मुंड बना चुकी है कि हम सभी लोग यहां गंगा जमुनी एकता का मिसाल कायम करते हुए भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की धरती को कलंकित होने नहीं देंगे। तथा कामरेड अमरजीत कुशवाहा को भारी मतों से जीता के जीरादेई विधानसभा क्षेत्र को बिहार के मानचित्र पर रखकर उनका नाम रौशन कर देंगे। यहां बताते चलें कि इस विधानसभा क्षेत्र से जदयू के वर्तमान विधायक रमेश सिंह कुशवाहा हैं।
जिनको पार्टी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में इन्हें अपना सिंबल देने से वंचित रखा है। तथा इस विधानसभा क्षेत्र से एनडीए गठबंधन की ओर से श्रीमती कमला कुशवाहा को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुनावी मैदान में उतारा है। उधर सीवान ऑनलाइन न्यूज के सर्वेक्षण में यह बात सामने उभर कर आ रही है कि इस विधानसभा क्षेत्र में सीधा मुकाबला महागठबंधन बनाम एनडीए गठबंधन के बीच होना तय माना जा रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी द्वारा तरह-तरह के तरक़ीब को अपना कर सेंधमारी कर बैतरणी को पार करने में लगे हुए है। जबकि महागठबंधन के प्रत्याशी जिले में एक चर्चित राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी के रूप में इनकी पहचान है। जो फिलहाल अभी जेल में बंद हैं। इसके पूर्व में भी वे विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुके हैं। और मामूली अंतर उन्हें हार का मूंह देखना पड़ा हुआ था।बहरहाल चाहे जो हो फिलहाल इस तरह की स्थिति विधानसभा क्षेत्र में कायम रही तो लोगों द्वारा कही गई बातें कायम रह जाएगी।