जामो बाजार थाना: नए आईओ के सामने होगी सुग्रीम हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की बड़ी चुनौती

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  • जमीन के विवाद में हुई हत्याकांड मामले में महज एक गिरफ्तार, अन्य छह फरार
  • न्याय के लिए भटक रहे सुग्रीम के परिजन अब खाने को भी मोहताज

✍️परवेज़ अख्तर/सिवान:
जामो बाजार थाना से महज कुछ मीटर की ही दूरी पर स्थित सुग्रीम प्रसाद की मकान के पास जमीन के विवाद में हुई निर्मम हत्या के बाद स्वजन अब न्याय के लिए भटक रहे हैं व साथ ही वरीय अधिकारियों से लगातार गुहार भी लगा रहे हैं। बकौल सुग्रीम प्रसाद की विधवा इंदु देवी, उनके पति की हत्या मामले में अब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना यह दर्शाता है कि सिस्टम के मनमानेपन के आगे उन सबों की लाचारगी कुंद पड़ गइ है। सुग्रीम प्रसाद की हत्या 5 जून को उनके घर के पास ही कर दी गई थी। घटना से आक्रोशित लोगों ने थानाध्यक्ष व गोरेयाकोठी सीओ और आरओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जामो चौक जाम कर घंटों नारेबाजी की व टायर जला प्रदर्शन भी किया था। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने तत्काल दुकान बंद कर रहे एक नामजद अमन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस समय बाजार के लोगों का मूड देखते हुए केस का अनुसंधान कर्ता एसआई प्रिया पंडित को बना दिया गया। प्रिया पंडित सुग्रीम प्रसाद हत्याकांड के फरार चल रहे छह नामजदों की गिरफ्तारी व अन्य प्रक्रियाओं के साथ ही सुग्रीम के परिवार वालों के भी संपर्क में थीं। इसी बीच उनका तबादला होने से अब सुग्रीम प्रसाद के स्वजनों में एक बेचैनी सी है। हालांकि पुलिस का दावा है कि हत्या मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। लोगों में अब चर्चा हो रही है कि नए आईओ के सामने सुग्रीम प्रसाद के फरार आरोपियों को गिरफ्तार करना या दबाव देकर सरेंडर कराना एक चुनौती होगी।

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स्वजनों के सामने कई तरह के संकट

सुग्रीम प्रसाद की हुई हत्या के बाद स्वजन कई संकटों का सामना कर रहे हैं। सुग्रीम प्रसाद ही घर के मुख्य कमाऊ सदस्य थे। उन्होंने समीपवर्ती गोपालगंज जिले के बरौली में एक मोटर गैरेज खोल रखा था। उसी की कमाई से परिवार चलाने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई की भी उन्होंने व्यवस्था की थी। अब उनकी मौत के बाद बड़ा बेटा गैरेज पर जाता तो है, लेकिन कला नहीं होने से कमाई नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ सुग्रीम प्रसाद की पत्नी व अन्य स्वजन मामले में न्याय के लिए वरीय अधिकारियों के पास दौड़ लगा रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि केस का अनुसंधान कर्ता किसे बनाया जाता है और वह क्या गुल खिलाता है।