जनता दरबार….CM नीतीश बोले- लड़की है तो क्या हुआ…पिता की मृत्यु पर नौकरी का प्रावधान तो है ही

0

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में लोगों की समस्या का निबटारा किया। एक लड़की ने सीएम नीतीश से कहा कि हमारे पिता शिक्षक थे। 2019 में ही उनका निधन हो गया लेकिन उनकी जगह अनुकंपा पर हमें नौकरी नहीं दी जा रही। प्लीज इसमें हमारी मदद करें। लड़की की गुहार पर सीएम नीतीश ने कहा कि लड़का हो या लड़की कोई फर्क नहीं पड़ता। लड़की को भी अनुकंपा पर नौकरी देने का प्रावधान है और जरूर मिलेगी नौकरी।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़का-लड़की में कोई फर्क नहीं। लड़की की फरियाद पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाकर कहा। इसके पिता शिक्षक थे और 2019 में ही उनका निधन हो गया। लेकिन अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिली है। शिक्षक की बेटी आई है,लड़का-लड़की में कोई फर्क नहीं है ।ऐसे में इस मामले को देखिए और अनुकंपा पर नौकरी तो मिलनी ही चाहिए।

दरअसल, एक लेखक ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में फरियाद किया कि उन्हें आर्थिक मदद की जाये। वे लेखक हैं और कई किताबें लिख चुके हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से लेखनी पर प्रभाव पड़ रहा। इसमें आप मदद करिए और आर्थिक सहायता कीजिए। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बहुत सारे लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं। तब तो सबको आर्थिक रूप से मदद करना पड़ेगा। आपको मदद करने के लिए हमें अलग से नियम बनाना पड़ेगा।

भागलपुर से आई एक महिला ने सीएम नीतीश से शिकायत दर्ज कराई। महिला का आरोप था कि आंगनबाड़ी सेविका चयन में गड़बड़ी की जा रही है। इस पर सीएम नीतीश ने समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन कर मामले को देखने को कहा। वहीं एक दूसरी महिला ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके पति की मौत कोरोना से हो गई। सरकार की तरफ से जो देय राशि है वो नहीं अब तक नहीं मिला। इस पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अफसर को फोन कहा कि क्यों नहीं दिया जा रहा। हमने तो पिछली बार ही कह दिया था कि जितने लोगों का बकाया है उनलोगों को दीजिए। फिर क्यों नहीं मिला रहा?

नवंबर महीने के दूसरे सोमवार को सीएम नीतीश स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग, कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग श्रम संसाधन विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायत को सुन रहे। शिकायत सुनने के बाद वे अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे।