- आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र लिखकर दिया निर्देश
- कुपोषित एवं अति-कुपोषित बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत
- आंगनबाड़ी सेविका एईएस पर बढ़ाएंगी सामुदायिक जागरूकता
सिवान: कोरोना संकट के बीच राज्य के सामने एईएस( चमकी बुखार) पर प्रभावी नियंत्रण की चुनौती भी आ गयी है. विगत साल मुज्जफरपुर सहित आस-पास के अन्य जिलों में एईएस( चमकी बुखार) एवं मस्तिष्क बुखार(जेई) के कई मामले सामने आये थे, जिससे कई बच्चों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी.
इसे ध्यान में रखते हुए अभी से राज्य सरकार एईएस प्रबंधन पर कार्य शुरू कर दी है. अब एईएस के खिलाफ़ इस जंग में आईसीडीएस के कार्यकर्ता भी सहयोग करेंगे. इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने सभी आइसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है.
पत्र में बताया गया है कि महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका अपने क्षेत्रों में एईएस से बचाव एवं त्वरित राहत कार्य में अपना सहयोग देंगे. इसके लिए सभी कार्यकर्ता को राज्य सरकार द्वारा एईएस प्रबंधन को लेकर जारी स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम( एसओपी) को अनुसरण करते हुए कार्य करना है.
आंगनबाड़ी सेविका ऐसे करेगी सहयोग
पत्र में बताया गया है कि समुदाय में यदि कोई बच्चा एईएस से ग्रसित पाया जाता है तो आंगनबाड़ी सेविका बच्चे की जान बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई करेंगी. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविका को जरुरी निर्देश दिए गए हैं:
- मरीज यदि बेहोश नहीं है तो उसे तुरंत ओआरएस का घोल देगी
- आशा एवं एएनएम के पास ग्लूकोमीटर होने पर मरीज के खून में शुगर की मात्रा की जांच करेगी
- बुखार की दवा( पारासीटामोल) चिकित्सक की परामर्श के मुताबिक रोगी को देगी
- नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल या रेफेरल अस्पताल को मरीज के आने के पूर्व सूचना देगी
- एम्बुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर 108/102 नंबर पर कॉल करेगी
- चिन्हित किये गए कुपोषित एवं अति-कुपोषित बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की बात परिवार के सदस्यों को बताएगी
- समुदाय में एईएस की पहचान एवं रोकथाम पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाएगी
- कोविड-19 को देखते हुए व्यक्तिगत दूरी सहित मुँह एवं नाक को ढकने एवं हाथों की सफाई पर खुद भी ध्यान देगी एवं इसके विषय में दूसरों को भी जागरूक करेगी
इन लक्षणों पर जानें एईएस/जेई को
- अचानक पूरे शरीर या शरीर के किसी खास अंग में एंठन, मुँह से झाग निकलना, दांत पर दांत का बैठ जाना
- अचानक सुस्ती/ अर्द्ध बेहोशी/ बेहोशी
- चिउंटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना
- उल्टी/ तेज साँस का चलाना
एईएस/ जेई होने पर ये करें
- तेज बुखार होने पर शरीर को ताजे पानी एवं पंखे से हवा करें ताकि बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से कम हो सके. मरीज को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएँ
- बच्चा बेहोश नहीं हो तो साफ़ पानी में डालकर ओआरएस का घोल दें
- बेहोशी या मिर्गी की स्थिति में बच्चे को हवादार जगह पर रखें
- बच्चे के शरीर से कपडे हटा दें एवं बच्चे की गर्दन सीधी कर उसे छायादार जगह पर लिटायें
- कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बच्चे के पास जाने से पूर्व मुँह एवं नाक को जरुर ढंक लें एवं हाथों की सफाई पर भी ध्यान दें
- रोगी की देखभाल यथासंभव घर के सदस्य ही करें