✍️परवेज अख्तर/सिवान: जिले के जीरादेई प्रखंड के तितिर स्तूप स्थित बुद्ध मंदिर में शनिवार को पूजा अर्चना कर जेवनार चढ़ाया गया। प्रशांत कुमार ने बताया कि आश्विन पूर्णिमा को बौद्ध पवरण पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। माधव शर्मा ने बताया कि पवरण का अर्थ होता है इच्छा का संतोष या अध्ययन व ध्यान के समापन का दिन।
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उन्होंने बताया कि इसी पूर्णिमा को वर्षावास समाप्त होता है। बौद्ध उपासक प्रमोद कुमार ने कहा कि यह पूर्णिमा हर जीव के लिए वरदान है, क्योंकि चांद की चांदनी से जीव को निरोगता प्रदान होता है तथा जीवन खुशहाल रहता है। इस मौके पर बलिंद्र सिंह, हरिशंकर चौहान आदि उपस्थित थे।