परवेज अख्तर/सिवान: जिले के जीरादेई प्रखंड के विजयीपुर गांव स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर परिसर में सोमवार को नवरात्रि के प्रथम दिन पौधारोपण किया गया। नर्वदा प्रसाद ने कहा कि प्रकृति के संतुलन व वातावरण स्वच्छ बनाने के लिए पौधारोपण आवश्यक है। प्रकृति त्रिगुणात्मक स्वरूपा है जो परम शक्ति संपन्न होकर सृष्टि विषयक कार्य में प्रधान भूमिका निभाती है। बताया कि दुर्गा, महालक्ष्मी, सरस्वती, सावित्री व राधा पांच देवियां संपूर्ण प्रकृति का संचालन करती हैं। दुर्गा गणेश की माता में शिवस्वरूपा हैं तथा भगवान शंकर की प्रेयसी भार्या हैं एवं महालक्ष्मी यानि नारायणी विष्णु माया पूर्ण रूप से ब्रह्मारूपिणी हैं जिनको यश, मंगल, मोक्ष व हर्ष देना इनकी विशेषता है।
ये कभी किसी का अप्रिय नहीं करती हैं। श्री हरि इन्हें प्राणों से अधिक प्रेम करते हैं तथा सरस्वती देवी की कृपा से कविता, मेधा, प्रतिभा व स्मरण शक्ति प्रदान करती हैं जिन्हें भगवती जगदंबा भी कहते हैं। सावित्री जिन्हें गायत्री भी कहते हैं, ब्रह्मा की परम प्रिय शक्ति हैं तथा इनकी कांति शुद्ध स्फटिक के समान स्वच्छ है एवं मोक्ष प्रदान करना इनका स्वाभाविक गुण है। वहीं राधा भगवान कृष्ण की आत्मा हैं जो चंद्रमा के समान प्रभा बिखेरती रहती हैं तथा इन्हें ब्रह्मा आदि देवता भी नहीं देख सकते हैं। मौके पर प्रशांत कुमार, वेद प्रकाश श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव, हरिशंकर श्रीवास्तव, मोहन प्रसाद, अरविंद प्रसाद, नवीन प्रसाद, शालू कुमार, टुनटुन श्रीवास्तव, बंधु कुमार, पवन कुमार, रूपेश कुमार, विशोक श्रीवास्तव, शिवम कुमार राजा, रंजीत कुमार, नथुनी खरवार, धर्मा खरवार, बलराम मांझी, विनोद राम आदि उपस्थित थे।