खुर्रम बाबू की वापसी संदेह के घेरे में, अपहृत से लेकर पुलिस तक सभी खामोश

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परवेज़ अख्तर/सीवान:- सुप्रसिद्ध दवा व्यवसाई सैय्यद मो.शाजिद उर्फ़ खुर्रम बाबू की घर वापसी तीन दिन बाद सकुशल हो गई। लेकिन उनकी वापसी संदेह के घेरे में है और पूरे प्रकरण पर अपहृत से लेकर पुलिस तक सभी खामोश है | खुर्रम बाबू को शुक्रवार की रात्री नमाज पढ़ के आने के दौरान बेलोरो पर सवार शातिर अपराधियों ने नाट्कीय ढंग से फिरौती के लिए अगवा कर लिया था। उक्त घटना मीडिया जगत में आने के बाद चर्चा का विषय बना रहा। जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर इलाके तक के लोग चाय के चुस्की के साथ खुर्रम बाबू प्रकरण पर चर्चा करने से बाज नही आते थे। उक्त घटना की प्राथमिकी नगर थाना में अपहृत खुर्रम बाबू की पत्नी सगुफ्ता खातुन लिखित आवेदन पर दर्ज कराई गई थी।घटना के बाद पूरे पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी। और इस घटना में एसपी नवीन चन्द्र झा खूद लग गए।श्री झा के निर्देश के आलोक में एक एसआईटी टीम का गठन भी किया गया था।सीवान पुलिस ने अन्य सीमावर्ती जिलों से भी खुर्रम बाबू की बरामदगी के लिये सहयोग भी मांगी थी।नगर थाना पुलिस ने पुरानी किला से लेकर अपहृत के घर तक के सारे महत्वपूर्ण सीसीटीवी कैमरा भी खंगाल चुकी थी। जिसमे पुलिस को कुछ गोपनीय तथ्य भी हाथ लगे थे। जिसको परिजनों से पुलिस साझा न कर गम्भीरता पूर्वक अनुसंधान प्रारंभ की। पुलिस अपराधियों के रडार तक भी पहुँच गई थी। सूत्रों की माने तो पुलिस ने बीते रविवार को जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया था। उनमे से एक व्यक्ति से पूछताछ में पुलिस को बहुत कुछ हासिल हुई। अभी पुलिस उसके द्वारा बताये गए बात पर काम कर रही थी की मंगलवार की तड़के लगभग 3:30 बजे अपहरणकर्ताओं की एक टोली सराय ओपी थाने के तरवारा मोड़ शिव जी चौक के समीप सकुशल लाकर छोड़ दिये। और अपराधी आसानी से चलते बने। यहाँ एक सवाल जन्म देता है की जब अपहृत खुर्रम बाबू को अपराधियों की एक टोली जिला मुख्यालय में लाकर छोड़ जाती है और वह चुप -चाप बिना हो-हल्ला किये कैसे टेम्पु पर सवार होकर घर चले गए।और किसी को भनक तक नही लगा। आखिर क्यों? इसके पीछे क्या राज है? उनके लौटने की खबर सबसे पहले एसपी साहब को क्यों लगी? इसके पीछे क्या राज है।एसपी की गाड़ी अहले सुबह जब अपहृत के घर पहुँची तो मुहल्ले के लोगों को पता चला की खुर्रम की वापसी हो गई है।उसके बाद” क्या बूढ़े,क्या नौजवान “अचानक उसके घर के तरफ सभी दौड़ पड़े। उपस्तिथ लोगों से भी खुर्रम बाबू ने कहा की मैं लापता नही बल्कि मेरी अपहरण फिरौती के लिए की गई थी। यहाँ गौर करने की बात तो यह है की परिजन जिस बात के चिंतित थे।उसकी परिसानी को अपराधी क्यों दूर करते थे।सबसे ज्यादा खुर्रम के परिजन सुगर के दवा के लिए चिंतित थे। अपराधियों द्वारा दवा भी मुहैया करा दी गई है। उनको नमाज पढ़ने के लिए अपराधियों द्वारा कुर्ता -पैजामा व टोपी भी उपलब्ध करा दिए थे। चौकानें वाली बाते यह है की खुर्रम को अपराधियों द्वारा सारी सुबिधा उपलब्ध कराने का पीछे क्या राज था। वहीं इस घटनाक्रम पर एसपी नवीन चन्द्र झा भी कुछ भी बताने से इंकार कर रहे है।

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