परवेज़ अख्तर/सिवान:
कोविड-19 संक्रमण आम से लेकर खास, हर किसी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। प्रखंड में भी यह तेजी से अपना पैर पसार रहा है। घर में रहें सुरक्षित रहें को नारा भी दिया जा रहा है। बावजूद एक वर्ग ऐसा भी है जो इन चीजों को नजर अंदाज कर छात्र-छात्राओं की जान से खिलवाड़ कर रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर सभी स्कूल, कोचिग, कॉलेज व निजी शिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्देश है, लेकिन प्रखंड के मुख्य बाजार चैनपुर में संचालित कोचिग संस्थान सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बच्चों को बुला भी रहे हैं और धड़ल्ले से क्लास भी करा रहे हैं। कई चौक-चौराहों एवं गली-मोहल्लों में चल रहे कोचिग संस्थानों में सुबह छात्र-छात्राएं पढ़ते नजर आ रहे हैं।
हालांकि कुछ संस्थानों ने कोचिग को बंद कर रखा है, लेकिन छोटे और बिना रजिस्ट्रेशन वाले कोचिग चोरी-छिपे अपना संस्थान चला रहे हैं। सिलेबस को पूरा कराने के नाम पर संस्थानों ने कोचिग खोल रखा है। एक-एक बेंच पर पांच से सात बच्चों को एकसाथ बैठाकर पढ़ा रहे हैं। बच्चों को मास्क भी पहनने के लिए भी जोर नहीं दिया जा रहा है। सुरक्षा मानकों की भी घोर अनदेखी की जा रही है। सुबह कोचिग जाते छात्र-छात्राओं ने बताया कि सर ने सिलेबस जल्द पूरा हो जाए, इसलिए कोचिग में बुलाया है। यह स्थिति चैनपुर बाजार सहित ग्रामीण क्षेत्रों की है।
इस मामले में शिक्षा विभाग से लेकर प्रखंड प्रशासन की मौन सहमति कभी भी विस्फोटक रूप ले सकती है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी योगदान के बाद से तो बीआरसी पर दिखाई भी नहीं देते तथा फोन करने पर फोन भी नहीं उठाते। ऐसे में इस महामारी को रोकने में सरकार का सहयोग कैसे होगा, यह सोचनीय विषय है। इस संबंध में बीईओ सूर्यनारायण सिंह ने बताया कि इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद सही पाए जाने पर कोचिग संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।