- समाज कल्याण विभाग ने जारी किया निर्देश
- केंद्र व उसके आस-पास स्वच्छता का रखना होगा ख्याल
- शारीरिक दूरी का कड़ाई से करना होगा पालन
- केंद्रों पर लगाये जायेंगे कोविड-19 से बचाव के नियमों का पोस्टर
छपरा: वैश्विक महामारी कोरोना वाइरस संक्रमण व लॉकडाउन को लेकर जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया था। अब सामान्य स्थिति को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों को सुचारू करने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर सामेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय के द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जारी निर्देश में कहा गया है, आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली सेवाओं को फिर से शुरू किया जायेगा। इसके लिए सभी को कोविड 19 से बचाव के लिए जारी प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। यह निर्देश दिया गया है, बार-बार हाथों को साबुन से धोना, सैनिटाइजर का प्रयोग करना एवं सामाजिक दूरी का पालन कड़ाई से करना होगा। इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिए संदेशों को आंगनबाड़ी केंद्रों एवं उसके आस-पास प्रदर्शित किया जाए ।
65 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति के प्रवेश पर रोक
समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर 65 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक रहेगी। गर्भवती महिला एवं 10 वर्ष से कम के बच्चों को आवश्यक एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्राप्त करने के लिए ही केंद्र पर जाना उचित होगा। सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन करते हुए सूखा राशन का वितरण लाभुकों के घर या आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जायेगा।
टोकन प्रणाली से हो रहा टीएचआर का वितरण
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से शून्य से छह वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को सूखा राशन (टीएचआर) दिया जाता है। वैश्विक महामारी कोरोना-19 के वजह से नया सिस्टम लागू किया गया। फिलहाल टोकन सिस्टम के माध्यम से टीएचआर का वितरण किया जा रहा है। स्थिति सामान्य होने पर फिर से पूर्वत व्यवस्था लागू रहेगी।
आंगनवाड़ी में उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ
- छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीकाकरण
- समस्त गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण
- छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को अनुपूरक पोषण
- गर्भवती और शिशुओं की देखभाल करने वाली महिलाओं को अनूपूरक पोषण
- 15-45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा
- गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्वक देखभाल तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की प्रसवोत्तर देखभाल
- नए जन्मे शिशुओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल
- कुपोषण अथवा बीमारी के गंभीर मामलों को अस्पतालों, समुदाय स्वास्थ्य केन्द्रों अथवा जिला अस्पतालों (पोषण पुनर्वास केंद्र/नवजात शिशु गहन देखरेख यूनिट) को भेजना।
- 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालयपूर्व शिक्षा प्रदान करना
कोविड-19 से बचाव के लिए इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान
- मास्क का प्रयोग अवश्य करें
- हाथों को बार-बार पानी और साबुन से धोएं या सैनिटाइज करें
- सहयोगियों से परस्पर दूरी बनाकर रखें
- आगंतुकों से मिलते समय भी परस्पर दूरी रखें और बाचतीत के दौरान भी मास्क का प्रयोग आवश्यक है
- कार्य के दौरान अति आवश्यक वस्तु को ही छुयें
- सहकर्मियों से बात करें, अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें