पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों/परिणामों से यह अब लगभग साफ हो गया है कि महागठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला रहा है. साथ ही एक बात और साबित हो रही है कि जहां जदयू का एनडीए के भीतर खराब प्रदर्शन रहा है वहीं महागठबंधन में कांग्रेस कमजोर कड़ी साबित हुई है. वर्ष 2015 में जहां कांग्रेस ने 40 सीटों में 27 सीटें जीती थीं, वहीं इस चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी और महज 20 से 22 सीटें जीतती दिख रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच काटे की टक्कर देखने को मिल रही है. महागठबंधन की आरजेडी इस बार लालू प्रसाद यादव के बिना चुनाव लड़ी रही है. अब कर के परिणामों ने पार्टी के अंदर बेचैनी पैदा कर दी है. रिजल्ट पर लालू के परिवार से भी प्रतिक्रिया आई है. उनकी छोटी बेटी राज लक्ष्मी यादव ने एक ट्वीट के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है. राज लक्ष्मी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, ”प्रकृति का नियम है कि शाम होते ही कमल मुरझा जाता है और लालटेन उजाला करती है. सकारात्मक रहें, हम जीतेंगे.” राज लक्ष्मी यादव ने ये ट्वीट किया है
मोदी फैक्टर का कमाल
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दो बातें साफ तौर पर स्थापित हुई. पहला यह कि महागठबंधन की ओर से सीधे सीएम नीतीश कुमार को निशाना बनाया गया, दूसरा यह कि भाजपा की पूरी लीडरशिप ने बार-बार साफ किया कि बीजेपी की सीटें कम हो या ज्यादा नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार में नयी सरकार बनेगी. हालांकि चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आए बिहार में सीएम नीतीश के खिलाफ एक माहौल बनाने में कामयाब होता गया.
पहले फेज के चुनाव में इसका असर भी दिखा और भोजपुर और मगध क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आगे रहे. फिर आया दूसरा और तीसरा चरण जब पीएम मोदी ने चंपारण, सीमांचल और मिथिलांचल में चुनावी रैलियां कीं. इस दौरान पीएम मोदी ने साफ कहा कि हमें बिहार में सीएम नीतीश ही चाहिए. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पीएम मोदी की बार-बार की अपील ने चुनावी फिजा ही बदल दी और एनडीए के पक्ष में रुख फिर से मुड़ गया.
दूसरे चरण में जहां एनडीए ने मामला पलटा, वहीं तीसरे चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए एक चिट्ठी लिख डाली. इसमें प्रधानमंत्री ने एनडीए पर भरोसा बनाए रखने और राज्य के विकास के लिए नीतीश सरकार को चुनने की अपील की.