गोपालगंज: बिहार में शराब तस्करी को लेकर जिले के सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के शराब के दो ठेकेदारों का यूपी के आबकारी विभाग ने लाइसेंस रद करते हुए शराब की दुकान बंद करा दी है। बिहार में शराब तस्करों पर नकेल करने के लिए अब जिला उत्पाद विभाग तथा यूपी के आबकारी विभाग आपस में मिल कर काम करने लगी है। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव को लेकर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश तथा बिहार के आबकारी विभाग के अधिकारियों की बैठक बलथरी चेक पोस्ट पर हुई थी। जिसमें दोनों प्रदेशों के पदाधिकारियों ने शराब तस्करी पर रोक लगाने को लेकर कुछ कड़े निर्णय लिए थे। इस निर्णय में यह बात भी शामिल थी कि सीमावर्ती क्षेत्र के किसी भी शराब दुकानदार द्वारा ग्राहक को पांच बोतल से अधिक देसी तथा दो बोतल से अधिक विदेशी शराब की बिक्री नहीं की जाएगी।
इसके अलावा शराब ग्राहकों के शराब खरीदने के दौरान नाम और पता शराब ठेकों पर रजिस्टर में दर्ज करने का भी निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के बाद उत्पाद विभाग ने बलथरी चेक पोस्ट पर 14 अक्टूबर को दो शराब तस्करों को 81 कार्टन देसी शराब के साथ गिरफ्तार किया था। जब्त शराब उत्तर प्रदेश निर्मित पाई गई। उत्पाद विभाग ने इसकी सूचना कुशीनगर जिले के आबकारी विभाग के पदाधिकारियों को दी। जिसके बाद कुशीनगर जिले के तमकुहीराज सर्किल के आबकारी निरीक्षक अमरनाथ तथा चेक पोस्ट बलथरी पर तैनात उत्पाद विभाग के पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने संयुक्त रुप से जब्त की गई शराब की जांच पड़ताल की।
जब्त शराब के बारकोड और अन्य तरीकों से यह पुष्टि हुई कि यह शराब उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग द्वारा आपूर्ति की गई शराब का ही हिस्सा है। जांच में यह भी सामने आया कि कुशीनगर जिले के पटेरा बाजार तथा परसौनी स्थित दुकान के लिए यह शराब आवंटित की गई थी। इस मामले में यूपी आबकारी विभाग ने पटेरा बाजार तथा परसौनी स्थित शराब के लाइसेंसी दुकान का लाइसेंस रद करते हुए दोनों दुकानों को बंद कर दिया है।