पटना : बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण अब बेकाबू होता दिख रहा है। उससे खराब स्थिति अस्पतालों की होने लगी है। अस्पताल बेड , ऑक्सीजन सहित आवश्यक संसाधानों की कमी से जूझ रहे है। बिगड़े हालात को देखते हुए बिहार में भी लॉकडाउन की आशंका है। सीएम नीतीश कुमार ने भी ऐसे संकेत दिए हैं।
बता दें कि बिहारी प्रवासी बड़ी संख्या में घर लौट रहे हैं। राज्य में संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान रोज मिलने वाले नए मामलों का रिकार्ड टूट रहा है। बीते 24 घंटे के दौरान 4786 मरीज मिले हैं। राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 23724 है। राजधानी पटना कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित है। जहां करीब 36 इलाके हॉट स्पॉट बनाए गए हैं। अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग बेड की संख्या बढ़ाने की कवायद में जुटा है। इस बीच पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में आज से कोरोना संक्रमितों का इलाज शुरू किया गया। सरकार इलाज के साथ-साथ जांच व वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रही है।
पटना और गया में बनेंगे कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल
न्यूज एजेंसी एएनआइ के हवाले से खबर आई है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि हमने टेस्टिंग बढ़ाई है। सरकार ने फैसला किया है कि पटना के एनएमसीएच और गया के अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जाएगा।
बिहार में भी लग सकता है लॉकडाउन
सीएम नीतीश कुमार आज आइजीआइएमएस में कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद पत्रकारों द्वारा नाइट कर्फ्यू या लाॅकडाउन लगाने के बारे में पूछ जाने पर कहा कि प्रधान मंत्री के निर्देश पर राज्यपाल की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में पूरी स्थिति पर चर्चा होगी। बैठक 17 अप्रैल को है। बैठक में जो सुझाव आएंगे उसपर निर्णय लिया जाएगा। अगर स्थिति और बिगड़ती है तो वह सब किया जाएगा जो जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बिहार में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अधिक से अधिक जांच ही उपाय है। बाहर के राज्यों से भी लोग लौट रहे हैं। गांवों में भी कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्थिति संभालने में सिर्फ स्वास्थ्य विभाग नहीं नहीं पूरा प्रशासन जुटा है। अस्पतालों में भी बेड की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वह अपना टीकाकरण कराएं। इससे उन्हें भविष्य में फायदा होगा। जांच भी करानी चाहिए।