परवेज अख्तर/सिवान: महाराजगंज अनुमंडल मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय के लिए अधिवक्ता संघ कई वर्षों से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन आजतक व्यवहार न्यायालय शुरू नहीं हो सका। जिससे अनुमंडल के अधिवक्ता संघ में निराशा देखी जा रही है। संघ के अधिवक्ताओं की लड़ाई का नतीजा है कि कई तत्कालीन जिला जज, तत्कालीन जिला पदाधिकारी, पटना हाईकोर्ट के जज, व्यवहार न्यायालय के लिए जमीन, भवन का निरीक्षण कर जल्द से जल्द चालू करने का आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन आजतक व्यवहार न्यायालय चालू नहीं हो सका। 14 फरवरी 2015 को पहली बार तत्कालीन जिला जज शैलेंद्र प्रताप सिंह, तत्कालीन जिला पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने महाराजगंज पहुंचकर पुराने अनुमंडल कार्यालय सह चंद्रशेखर पुस्तकालय का निरीक्षण कर उसे उपयुक्त बताया।
उसके बाद इसमें युद्ध स्तर पर कार्य शुरू हो गया। मजिस्ट्रेट कक्ष, इजलास, रिकार्ड रूम, अधिवक्ताओं को बैठने की जगह, शौचालय का निर्माण शुरू हो गया। फिर 23 अप्रैल तथा 14 जून 2015 को अधिकारियों ने पहुंचकर कार्य का निरीक्षण किया। 20 जुलाई 2015 को अधिकारियों ने अंतिम बार निरीक्षण कर यह निर्देश दिया कि इसी माह व्यवहार न्यायालय शुरू हो जाएगा। इससे लोगों में खुशी देखी गई, तभी अचानक उद्घाटन पर ब्रेक लग गया। 20 अगस्त को अचानक सुबह सिवान कोर्ट के पेशकार के नेतृत्व में कर्मचारियों ने ट्रक पर कुर्सी, टेबुल रखने लगे। तभी इसके भवन अधिवक्ताओं एवं शहरवासियों को पहुंची। उन्होंने पहुंचकर सड़क जाम कर ट्रक को घेर लिया। तत्कालीन एसडीओ अखिलेश सिंह ने पहुंचकर जिला जज से बात कर खाली ट्रक को वापस भेजवाया। तब प्रदर्शनकारी शांत हुई। उसके बाद पटना उच्च न्यायालय के जज, जिला जज, जिलाधिकारी निरीक्षण कर चुके हैं। लेकिन आजतक व्यवहार न्यायालय शुरू नहीं हो सकी है। इससे अधिवक्ता संघ में नाराजगी देखी जा रही है। अधिवक्ता संघ के पूर्व सचिव दिनेश कुमार सिंह व अधिवक्ता पीपी रंजन द्विवेदी ने बताया कि जब तक व्यवहार न्यायालय चालू नहीं हो जाता लड़ाई जारी रहेगा।